हेलो दोस्तो मैं हूँ आपका दोस्त मुंगेरी ढालिया और आपका स्वागत है मेरे ब्लॉग dhaliyabhai.com पर दोस्तो आज मैं आपके लिए लेकर आया हु super hero story in hindi for kids. ये एक काल्पनिक कहानी है जिसका किसी से भी सम्बंध नही है अगर किसी से इसका सम्बंध होगा तो वो मात्र एक संयोग कहा जायेगा।
Super hero story in hindi for kids जीवन एक महान योद्धा
मुंबई शहर में जब हिंसा का माहोल फेल रहा था तब मुंबई शहर को उस विकट घड़ी में एक उम्मीद की किरण नजर आई वो उम्मीद की किरण कोई और नही हमारी कहानी का सुपरहीरो ‘जीवन’ था।
20 दिन पहले …….
जीवन त्रिवेदी एक ब्रामण परिवार से है ।
वो पटना के पास एक छोटे से गांव का रहेने वाला है।
जीवन की माँ का नाम कमला देवी और उसके पिता का नाम वेद प्रकाश है ।
उनके परिवार में सिर्फ तीन ही लोग है।
उस के गाँव मे उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नही थी।
इसलिए वो काम करने के लिए मुंबई शहर आया था।
मुंबई में जीवन के मामा रहते थे वो उन्ही के पास आया था।
उसके मामा ने आने के एक दिन बाद ही अपनी कपड़े की दुकान पर नोकरी पर रख लिया था।
इसके बाद दो दिन बीत गए जीवन बहुत होशियार होता है।
वो कोई भी काम बहुत जल्दी सीखता है।
इसलिए उसको अपने मामा की दुकान का काम सीखने में बस दो दिन ही लगे ।
उसी दिन रात को पूर्णिमा की रात थी।
जीवन चांद की रोशनी में छत पर लेटा हुआ तारो को देख रहा होता है।
की तभी उसको किसी के चिल्लाने की आवाज आती है।
जीवन वहां पर पहुंच जाता है जहां से आवाज आई थी।
वो देखता है कि एक बूढ़ा आदमी जमीन पर गिरा हुआ था और चार पांच काले रंग के कपड़े पहने हुए आदमी उसको मार रहे थे।
तभी जीवन वहां पर आ जाता है और उन सभी को बहुत पिटता है।
वो अपने गांव में पहलवानी का विजेता भी था।
उनके जाने के बाद वो बूढा आदमी उसको एक बैग देता है और कहता है कि इसका ख्याल रखना।
फिर वो वहीँ पर अपने प्राण त्याग देता है।
क्योकि जीवन के पहुंचने से पहले वो सभी उस बूढ़े आदमी को बहुत मारते है।
कुछ देर बाद कुछ लोग वहां पर आते है और उस बूढ़े आदमी को मरा हुआ देखकर बहुत उदास हो जाते है।
वो जीवन के हाथ मे वो बैग देखते है और कहते ही कि ये तुम्हारे पास कैसे आया।
वो बोलता है कि ये बाबा मरने से पहले ये मुझे देकर कहा कि इसकी रक्षा करना।
जीवन पूछता है कौन थे ये बाबा और वो लोग कौन थे जिन्होंने बाबा पर हमला किया था और आप लोग कौन है।
मुझे क्या कोई बताएगा तब उनमें से एक बोलता है जिसका नाम संजीव होता है।
संजीव कहता है कि हम सब अच्छाई के रक्षक है और हमारी संस्था का नाम है प्रलय है।
हमारा काम है बुराई को रोककर अच्छाई को स्थापित करना।
ये बाबा भी हमारे ही साथी थे।
उनके पास एक ऐसी शक्ति का स्त्रोत है जिससे कोई आम आदमी भी असिमित शक्तियों का मालिक बन सकता है।
लेकिन उन शक्तियों का इस्तेमाल वही कर सकता है जिनको वो शक्तियां खुद चुनेगी और रही बात उन लोगो की वो लोग बुराई के बाशिंदे थे।
उनका काम यहां पर बुराई को फैलाने का है।
उन लोगो का मुखिया भी उस शक्ति के पीछे है।
इसलिए उस शक्ति को बुराई से बचाने के लिए बाबा ने अपनी जान दे दी।
बाबा ने बैग जिसमे वो शक्ति का स्त्रोत है तुमको दिया है।
इसका मतलब तुम्ही उसके हकदार हो।
अब वो जीवन को अपने साथ अपने हेडक्वार्टर पर ले जाते है।
उस जगह पर सब कुछ बहुत ही हाइटेक और एडवांस था।
अब संजीव कहता है कि तुम इस बैग को खोलो वो उस बैग को खोलता है।
उस बैग के अंदर से उसको कुछ चमकता हुआ दिखाई देता है।
वो उसको बाहर निकलता है वो एक बेल्ट था जिसपर एक लाल रंग की दिव्य मणि लगी हुई थी।
संजीव कहता है कि इसको पहनो तो जीवन उसको पहन लेता है।
संजीव कहता है कि अब तुम इस बेल्ट पर लगा वो हरा बटन दबाओ।
जीवन वैसा ही करता है। जैसे ही वो बटन दबाता है वैसे ही उस बेल्ट के अंदर से बहुत सारे नेनो पार्टिकल्स निकलते है और एक कॉस्ट्यूम के रूप में जीवन के पूरे शरीर को ढक देते है।
ये कॉस्ट्यूम कोई आम कॉस्ट्यूम नही था ये एक सुपर हीरो कॉस्ट्यूम था।
ये कॉस्ट्यूम ब्लू और रेड कलर का था जिस पर कुछ गोल्डन कलर के स्टार भी लगे थे।
उस लाल मणी में से तेज रोशनी निकल रही थी।
जीवन का चेहरा भी मास्क से पूरा ढक गया था।
जीवन को अपने शरीर मे बहुत शक्ति महसूस हो रही थी।
जीवन को मालूम नही था कि उस कॉस्ट्यूम में कौनसी शक्ति है और इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है।
तभी वहां पर जोर जोर से एक अलार्म की आवाज आने लगी।
अलार्म की आवाज सुनकर संजीव ने जीवन को कहा कि बुराई के बाशिंदों ने फिर से कहीं पर उत्पात मचाया है और वो बेगुनाह लोगो पर अत्याचार कर रहे है।
संजीव ने जीवन को कहा कि अब हमको उन बेगुनाह लोगो की मदद करने के लिए जाना होगा।
तुम यहीं पर रहो हम अभी आते हैं।
जीवन ने कहा कि मैं भी लोगो की मदद करना चाहता हु मैं भी आपके साथ चलूंगा ।
और अब तो मेरे पास आपकी दी हुई शक्ति भी है ।
[जीवन एक महान योद्धा पार्ट 2
Super hero novel in hindi 2021 |जीवन एक महान योद्धा new story ]
संजीव ने कहा कि तुम्हारे पास ये शक्ति तो है पर तुम इसका इस्तेमाल करना नही जानते ।
पहले तुमको इसका इस्तेमाल करना सीखना होगा उसके बाद ही तुम हमारे साथ जा सकते हो।
जीवन फिर कुछ नही बोला और वहीँ रुक गया।
संजीव और उसके साथी वहां से चले गए।
जीवन ने वही पर बैठकर ध्यान लगाना शुरू कर दिया।
संजीव जहां गया था वहां पर बहुत सारे बुराई के बाशिंदे थे और वो लोगो को प्रताड़ित कर रहे थे।
फिर संजीव और उसके साथियों ने उन पर हमला कर दिया।
संजीव के पास भी कुछ शक्तियां थी जिनकी मदद से वो उन बुराई के बाशिंदों को हरा पा रहा था।
लेकिन उनके साथ बुराई का एक बड़ा सिपाही जिसका नाम कपूरा था वो भी आया था ।
उसके पास एक शीशा था। जो भी उस शीशे में देखता था वो उस शीशे में कैद हो जाता था।
उसने अच्छाई के कई रखवालो को उस शीशे में कैद कर लिया था।
संजीव भी उसको रोकने के लिए जाने वाला था तभी संजीव के साथ मे उसका एक साथी था जिसका नाम मनु था उसने संजीव को कहा कि मैंने कपूरा का दिमाग पढा है।
जो भी उस शीशे को देखेगा वो उसमे कैद हो जाएगा।
इसलिए उस शीशे को मत देखना ।
संजीव ने पूछा कि उसको कैसे रोकें।
मनु उसको बताने वाला ही होता है कि तभी कपूरा उनके सामने आ जाता है ।
वो संजीव को उस आईने में कैद कर देता है।
मनु वहां से थोड़ा दूर जाकर छुप जाता है।
कुछ देर के बाद कपूरा सारे अच्छाई के रखवालो को अपने शीशे में कैद कर लेता है।
मनु वहीँ पर छुप कर सब देखता होता है।
कुछ देर बाद वहां पर जीवन आ जाता है वो देखता है कि बुराई के बाशिंदों ने अभी तक कई बेगुनाह लोगो को मार दिया है और अच्छाई के रखवाले भी कहीं दिख नही रहे थे।
तभी मनु भी सामने आ जाता है और जीवन को कहता है कि कपूरा ने सभी रखवालो को अपने शीशे में कैद कर लिया है।
जो भी उसके शीशे में देखता है वो उसमे कैद हो जाता है ।
संजीव भी उसी में कैद है जीवन उसको कहता है कि क्या उन सबको बाहर निकाल सकते है उसका कोई रास्ता है ।
तब मनु ने कहा कि हाँ उनको एक ही तरीके से बाहर निकाला जा सकता है अगर हम उसका वो शीशा तोड़ दे तो सब अपने आप बाहर आ जाएंगे ।
लेकिन उसको तोड़ना भी आसान नही है वो शीशा एक ऐसे तत्व से बना है जिसको तोड़ने के लिए उसपर बहुत ही फ़ोर्स से वार करना होगा।
ये सुनते ही जीवन बहुत ही तेज गति से उड़ता है और उस शीशे पर बिना देखे मन की आंखों से देखकर वर करता है।
उसने बहुत इतनी फोर्स से उस शीशे पर वार किया कि वो एकबार में ही शीशा टूट गया।
उस शीशे के टूटते ही सभी अच्छाई के रखवाले आजाद हो गए और कपूरा भी नष्ट हो गया।
कपूरा के मरते ही सभी बुराई के बाशिंदे वहां से भाग गए ।
संजीव ने कहा जीवन तुमने अपनी शक्ति का इस्तेमाल करना कैसे सीखा।
जीवन ने कहा कि मैंने योग क्रिया के द्वारा अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करना सीख पाया हूँ।
इसके बाद वो सभी अपने हेडक्वार्टर में चले जाते है और इस तरह से जीवन के बुराई के बाशिंदों को हराता है और लोगो की रक्षा करता है।
आज 20 दिन बाद भी वो लोगो की मदद करता है
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