Story For Kids in Hindi -Jadui Kahani-मैजिकल स्टोरी इन हिंदी करामाती हंटर

हेलो दोस्तो आपका स्वागत है dhaliyabhai पर और आज मैं आपके लिए फिर से लेकर आया हूँ एक नई कहानी करामाती हंटर story for kids in hindi -jadui kahani-मैजिकल स्टोरी इन हिंदी तो चलिए शुरू करते है।

Story For Kids in Hindi -Jadui Kahani-मैजिकल स्टोरी इन हिंदी करामाती हंटर

एक बार एक गांव में दीनदयाल नाम का एक व्यक्ति रहता था। वो बहुत ही गरीब था।

वो इतना गरीब तक कि कई बार तो उसके पास खाने के लिए खाना भी नही होता था।

लेकिन दीनदयाल खुद के पास कुछ न होने पर भी सभी की मदद के लिए हमेशा आगे रहता था।

एक दिन वो दुसरे गांव गया था वहां पर एक व्यक्ति खुद को हंटर मार कर लोगो का मनोरंजन कर रहा था।

वो आदमी भी दो तीन दिन से भूखा था इस वजह से वो बेहोश होने लगा और नीचे गिर गया।

दीनदयालने उसको सम्भाला और उसका हंटर लेकर खुद को मारने लगा ।

उसको हंटर मारने का तरीका नही था इसलिए उसे ज्यादा चोट लग रही थी लेकिन उसने सब कुछ सहन करके भी उस खेल को खत्म किया और सभी से पैसे लेकर उस हंटर मारने वाले को दे दिए।

उस हंटर वाले ने उसको धन्यवाद किया और कहा कि आज तुमने मेरी मदद की है तुमको आज से कोई भी दुःख नही होगा।

ये मेरी उस परमात्मा से प्रार्थना है उसके जाने के बाद वहां पर एक साधु प्रकट हुआ उसने दीनदयाल को कहा कि मैं सब कुछ देख रहा था कैसे तुमने उस हंटर वाले कि मदद की

उस साधु ने अपनी झोली में से एक हंटर निकाला और दीनदयाल को देते हुए कहा कि इस हंटर को जिस भी दिन तुम जमीन पर मारकर कुछ भी मांगोगे।

तो वो उस दिन तुम्हारी दो इच्छाओं की पूर्ति करेगा।

दीनदयाल बहुत प्रसन्न हो गया वो अपने लिए खुश नही हुआ कि उसको अब सब कुछ मिल जाएगा वो इसलिए खुश हुआ कि वो अब सभी की मदद और भी अच्छे से कर पायेगा।

इस तरह से वो रोज दुसरो की मदद के लिए हंटर का इस्तेमाल करने लगा

उसने अपने लिए अभी तक उस हंटर का इस्तेमाल नही किया था।

एक बार जब वो गांव गांव घूम रहा था तब उस राज्य की राजकुमारी पर उसकी नजर पड़ गयी वो अपनी पालकी में अपने महल की और जा रही थी उसको देखकर दीनदयाल उसपर मोहित हो गया।

उसने आजतक किसी भी लड़की को देखकर ऐसा महसूस नही किया था।

कुछ देर बाद वहां पर डाकुओं ने हमला कर दिया और सब कुछ लूटकर सभी सैनिकों को मार दिया।

वो राजकुमारी को अपने साथ ले गए दीनदयाल ये सब देख रहा था उसने अपना हंटर चलाया और एक जादुई घोड़ा और एक जादुई तलवार मांगी।

उस घोड़े पर बैठ कर उड़ते हुए दीनदयाल ने उनका पीछा किया वो सभी एक गुफा में चले गए और उस राजकुमारी को एक कैदखाने में बंद कर दिया ।

वहां पर और भी कैदखाने थे जिनमें बहुत से लोग कैद थे।

रात होने के बाद जब सब सो गए तब दीनदयाल वहां पर अपनी तलवार लेकर पहुंचा।

उसने जादुई तलवार से सभी कैदियों को आजाद किया वो सभी चुपचाप वहां से जाने लगे लेकिन एक डाकू के हाथ पर किसी ने पैर रख दिया।

वो उठ गया और सभी डाकुओं को उठा दिया उन सभी ने उनको घेर लिया।

दीनदयालने अपनी जादुई तलवार की मदद से कुछ ही देर में सभी को हरा दिया।

और सभी को सुरक्षित बाहर ले आया उसने सभी को अपने अपने घर जाने को कहा राजकुमारी ने कहा कि क्या आप मुझे मेरे महल तक छोड़ सकते है।

अब राजकुमारी भी दीनदयाल पर मोहित हो चुकी थी। दीनदयाल ने कहा कोई बात नही मैं आपको छोड़ देता हूँ।

फिर वो उनको अपने जादुई घोड़े पर बैठकर उनके महल की और चल दिया राजकुमारी ने घोड़े को उड़ता देख कहा कि क्या आप कोई जादूगर है।

तो दीनदयाल बोला नही ये तो एक साधु का आशीर्वाद है।

फिर दीनदयाल ने उसको सारी बात बता दी।

राजकुमारी ने कहा फिर आप तो इस हंटर से जमीन जायदाद महल या और कुछ भी मांग सकते है।

दीनदयाल बोला हां ये मुझे कुछ भी देसकता है परंतु मैं इसका प्रयोग अपने लिए नही करता किसी जरूरतमंद के लिए ही मैं इसका इस्तेमाल करता हूँ।

फिर दीनदयाल ने राजकुमारी को उसके महल में छोड़ दिया राजकुमारी ने कहा कि अगर मेरा आपसे मिलने का मन करे तो मैं आपसे कैसे मिल सकती हूं।

दीनदयाल ने अपना हंटर चलाया और उससे कुछ ऐसा मांगा जिससे वो दोनों कही भी आमने सामने बात कर सके।

उस हंटर ने उसको दो आईने दिए जिसमे देखकर वो एक दूसरे से बात कर सकते थे।

दिन बीतते गए उनका प्रेम और भी बढ़ता गया एक दिन राजकुमारी ने दीनदयाल के आगे विवाह की बात रख दी ।

दीनदयालने कहा कि मैं एक आम आदमी हूँ और तुम एक राजकुमारी हमारा विवाह कैसे हो सकता है तब राजकुमारी ने कहा कि आपके पास जो हंटर है उससे आप एक राजकुमार बन कर मेरे पिता से मेरा हाथ मांग लीजिए।

दीनदयाल ने राजकुमारी की बात मान ली और एक खाली जगह पर उसने अपना महल बनवाया और धीरे धीरे अपने छोटे से राज्य का विस्तार करने लगा।

अब वो एक बहुत बड़े राज्य का राजा था अब उसने राजकुमारी के पिता के पास अपने और राजकुमारी के विवाह का प्रस्ताव भेजा।

राजकुमारीके पिता ने उसके बारे में बहुत कुछ सुन लिया था कि कैसे उसने कुछ ही समय मे अपने राज्य का विस्तार किया है।

उसने उनके विवाह प्रस्ताव को मान लिया उन दोनों का विवाह करवा दिया।

इसके बाद दीनदयाल ने अच्छे से अपना राज्य किया जब भी उसे कोई संकट आता वो उस जादुई हंटर की मदद से उस संकट को दूर कर लेता।

दोस्तो आपको हमारी ये कहानी Story For Kids in Hindi -Jadui Kahani-मैजिकल स्टोरी इन हिंदी करामाती हंटर कैसी लगी कॉमेंट करे अगर अच्छी लगे तो शेयर भी करे धन्यवाद

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