हेलो दोस्तो आपका स्वागत है dhaliyabhai.com पर औरआज मैं आपके लिए एक बहुत ही सुंदर विषय पर लेख लिख रहा हु और ये भी मैं अपने मन से नही लिख रहा जो मैने मेरे गुरुजनों से सुना है वही मैं आपके सामने लिखने जा रहा हूँ आज का विषय है कि श्री कृष्ण कौन है? क्या श्री कृष्ण ही भगवान है?ऐसे ही कुछ सवाल है जिनके बारे में मैं आज लिख रहा हूँ तो चलिए शुरू करते है।
श्री कृष्ण कौन है?भगवत कथा अमृत
श्री कृष्ण के बारे में अगर जानना है और समझना है कि वो कौन है तो ये उनके शुद्ध भक्त के अलावा और कोई भी नही बता पायेगा।
हालांकि हमारे शास्त्रों में श्री कृष्ण के बारे में विस्तार से बताया गया है लेकिन उसको भी हम तब तक नही समझ सकते जब तक उनका कोई शुद्ध भक्त उसकी व्याख्या न करे।
भगवान ने भगवत गीता में भी कहा है कि मैं सभी का वर्तमान भूतकाल और भविष्य जानता हूं लेकिन सभी मिलकर भी मुझ अकेले को नही जान सकते और ये सत्य भी है भगवान को उनके भक्त भी पूरी तरह से नही जान सकते।
लेकिन वो ही है जो श्रीकृष्ण के बारे में बता और समझा सकते है।
अब जैसे भगवत गीता में लिखा गया है कि श्रीकृष्ण ने कहा कि हे अर्जुन ये जो ज्ञान मैं तुमको दे रहा हूँ ये ज्ञान मैंने तुमसे पहले विवस्वान सूर्य को दिया था।
अब ये बात पढ़ कर सभी कन्फ्यूज हो जाते है कि श्रीकृष्ण ने ये ज्ञान सूर्य को कब दे दिया जबकि वो द्वापरयुग में जन्मे थे।
इससे हम ये तो जान सकते है कि श्रीकृष्ण आदिपुरूष है लेकिन ये नही जान सकते कि वो आदिपुरुष कैसे है?
क्योंकि उनका तो जन्म हुआ था और जिसका जन्म होता है वो आदिपुरुष कैसे हो सकता है?
अब शास्त्रों में ये बताया गया है कि कृष्ण भगवान श्री विष्णु के अवतार है लेकिन उन्ही शास्त्रों में ये भी बताया गया है कि भगवान विष्णु भी श्रीकृष्ण के एक विस्तार रूप है।
तो ये सब बातें हमारी बुद्धि से परे है और एक शुद्ध भक्त ही हमको इसबारे में समझा सकता है।
इसलिए हमको उनके बारे में अगर जानना है तो उनके शुद्ध भक्त से ही उनके बारे में सुनना चाहिए।
अब मैंने जो अपने गुरुजनों से सुना है भगवान श्रीकृष्ण के बारे में वो बताता हूँ।
वैसे तो मैं श्रीकृष्ण के बारे में लिखने के लायक नही हूँ। फिर भी थोड़ा लिखने का प्रयास कर रहा हूँ।
दोस्तो श्रील प्रभुपाद भगवान श्री कृष्ण के एक बहुत ही शुद्ध भक्त है वे विदेश में भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति प्रदान करने के लिए सबसे पहले अमेरिका में गए और वहां पर कृष्ण भक्ति का प्रचार प्रसार किया।
ये उनका ही प्रयास था कि आज पूरे विश्वभर में भगवान श्री कृष्ण के मंदिर है। प्रभुपाद से मिलने के लिए बड़ी बड़ी धार्मिक संस्थाओं के लोग आया करते थे और तर्क वितर्क किया करते थे।
एक बार ऐसी ही संस्थाओं के लोग उनसे मिलने आये थे।तब श्रील प्रभुपाद जी ने उनसे पूछा कि बताओ कि भगवान को है लेकिन उनको ये ही पता था कि वो जिनको फॉलो करते है।
उन्होंने कहा था कि वो परमात्मा के पुत्र है लेकिन भगवान कौन है इसका जवाब वो नही दे पाए।
तब उन्होंने पास में बैठी एक छोटी बच्ची को बुलाया और उससे सबके सामने पूछा कि who is krishna?
तब उस लड़की ने जवाब दिया krishna is supreme personality of Godhead. तब प्रभुपाद ने बताया कि आपके प्रभु ने आपको ये ही बताया है कि वो परमात्मा के पुत्र है या उनके भेजे हुए बन्दे है ।
लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने भगवतगीता में स्वयं ये कहा है कि मैं ही भगवान हूँ और शिवजी ने भी पार्वती जी को ये कहा था कि भगवान केवल देवकीनन्दन श्रीकृष्ण है।
ब्रह्माजी ने भी ब्रह्मसंहिता में यही बताया है कि भगवान गोविंद ही आदिपुरुष है मैं उनको प्रणाम करता हूँ।
दोस्तो आज का ये लेख मैं यहीं समाप्त करता हु आपको ये लेख कृष्ण कौन है कैसा लगा कॉमेंट करे और अगर आपके भी कोई सवाल हो तो कॉमेट में लिखे अगर ये लेख अच्छा लगे तो शेयर भी करे धन्यवाद।