भगवान श्रीकृष्ण का जन्म कैसे हुआ? भगवत ज्ञान लीलामृत।

हेलो दोआटो आपका स्वागत है dhaliyabhai.com पर और आज भी हम भगवान श्रीकृष्ण का जन्म बारे ही बात करेंगे काफी लोगो के मन मे ये शंका होती है कि अगर श्री कृष्ण स्वयम भगवान है तो भगवान श्रीकृष्ण का जन्म कैसे हुआ था और भगवान तो जन्म मरण से परे है तो ये हम कैसे कह सकते है कि श्रीकृष्ण भगवान है आज हम इस बात पर बात करेंगे और जो मैंने गुरुजनों वैष्णवो के मुख से सुना है वही आपको भी बताने का प्रयास करूंगा हरे कृष्ण।

भगवान श्रीकृष्ण का जन्म कैसे हुआ?

श्रीमद भागवत पुराण के 10वें स्कंद में भगवान श्री कृष्ण के जन्म की दिव्य लीला आती है।

माता पृथ्वी एक बार गाय का रूप लेकर रुदन करती हुई आंखों में आंसू लिए ब्रह्मा जी के पास ब्रह्म लोग गयी और उनको कहा कि मैं बहुत कष्ट में हूँ बहुत से राक्षस मेरे लोक में आतंक मचाये हुए है।

उनका अत्याचार बहुत बढ़ गया है कृपया सबकी रक्षा करने का कोई उपाय करें।

तब ब्रह्मा जी उनको अपने साथ लिए क्षीरसागर पर शेषनाग पर विराजमान भगवान विष्णु के पास ले गए और ये शब्द कहे ।

हे भगवान विष्णु आपने कहा था कि जब जब इस धरती पर धर्म की हानि होगी तब तब अधर्म का विनाश करने साधुओं की रक्षा करने के लिए दुष्टों का विनाश करने के लिए धर्म की पुनर्स्थापना करने के लिए आप अवतार लेंगे।

तब भगवान विष्णु ने उनको कहा कि अबकी बार मैं अवतार नही लूंगा बल्कि मैं जिनका एक विस्तार रूप हूँ वो भगवान श्रीकृष्ण स्वयं ही पृथ्वी लोक पर आएंगे।

ये सुनकर माता पृथ्वी को बहुत संतोष प्राप्त हुआ।अब धरती लोक पर कंस नामक एक राजा था उसने पृथ्वी पर आतंक मचा रखा था।

उसकी एक बहन थी जिसका विवाह वसुदेव जी से हुआ।वो खुद अपनी बहन को उसके ससुराल ले जा रहा था तभी एक आकाशवाणी हुई जिसने कहा कि हे मूर्ख तू अपनी जिस बहन को उसके ससुराल लेकर जारहा है।

उसका आठवां पुत्र ही तेरा काल होगा।ये सुनते ही कंस ने पास ही में पड़ी एक तलवार उठाई और देवकी को मारने लगा।

लेकिन वसुदेव जी ने उनको रोक दिया और कहा कि देवकी के आठवें पुत्र को मैं तुम्हारे हवाले कर दूंगा लेकिन तुम देवकी को छोड़ दो कंस ने ऐसा ही किया।

उसने देवकी और वसुदेवजी को छोड़ दिया लेकिन नारद लीला के कारण उनको एक कारागार में डलवा दिया।

उसके बाद उनके जो भी सन्तान हुई उसको कंस ने मार दिया कंस ने एक एक करके देवकी के 6 पुत्रों को मार दिया।

सातवे बलराम जी को देवी योगमाया ने देवकी के गर्भ से निकाला और रोहिणी जी के गर्भ में स्थापित कर दिया।

उसके बाद भगवान श्रीकृष्ण ने देवकी और वसुदेव जी को दर्शन देकर कहा कि मैं अब आपके पुत्र के रूप में आ रहा हूँ अब सब चिंता छोड़ दो।

फिर भगवान कृष्ण ने पहले वसुदेवजी के हृदय में प्रवेश किया फिर वहां से देवकी जी के ह्रदय में प्रवेश किया फिर उनके गर्भ में।

उनके गर्भ में प्रविष्ट होते ही उनका शरीर कांतिमान हो गया उनका तेज ऐसा था जैसे करोड़ो सूर्य एक साथ एक जगह पर आ गए हो।

फिर सभी देवता उनकी स्तुति करने के लिए आये।भगवान श्रीकृष्ण का जन्म होते ही वसुदेव जी की बेड़िया खुल गयी और वो 16 दरवाजे भी खुल गए जिनके पीछे वो कैद थे।

सभी प्रहरी गहरी नींद में सो गए ।वसुदेव जी भगवान के निर्देशानुसार श्रीकृष्ण को अपने सिर पर उठाया और गोकुल की और निकल पड़े।

रास्ते मे देवी यमुना ने भगवान के चरणों का स्पर्श करने चाहा जिसके कारण वो बहुत ऊपर उठ गई और भगवान के चरणों का स्पर्श पाते ही शांत हो गयी।

वसुदेवजी ने अपने बालक को यशोदा जी के पास सुलाया और उनकी पुत्री को अपने साथ ले आये।

जब कंस ने उस कन्या को मारना चाहा तब उस कन्या ने एक देवी का रूप धर लिया और कंस को कहा कि उसको मारने वाला तो कही और है।

इसप्रकार भगवान के जन्म की ये लीला समाप्त होती है। अब बात आती है कि जब श्री कृष्ण भगवान है तो उनका जन्म क्यो हुआ?

भगवान भगवत गीता में कहते है कि मेरा जन्म और कर्म दोनो दिव्य होते है।

जैसे कि भगवान ने जन्म से पहले ही उन्होंने अपने माता पिता को दर्शन देकर कहा कि अब मैं आ रहा हूँ क्या आज तक किसी ने अपने जन्म से पहले अपने माता पिता को कहा है कि वो जन्म ले रहा है।

भगवान ने पहले अपने पिता के हृदय में प्रवेश किया फिर अपनी माता के हृदय में फिर अपनी माता के गर्भ में प्रवेश किया।

क्या आम इंसान इस प्रकार जन्म लेता है क्या वो अपनी पिता के हृदय से अपनी माता के हृदय में प्रवेश करके फिर गर्भ में प्रवेश करता है।

नही! सब जानते है कि एक आम इंसान अपनी माता के गर्भ में कैसे प्रविष्ट होता है।

तो इस बात से भी सिद्ध होता है कि भगवान ही ऐसा कर सकते है।

अब आगे जब भगवान ने अपनी माता के गर्भ में जब प्रवेश किया तो उनका तेज करोड़ो सूर्य के तेज से भी बढ़कर था ।

क्या जब हम आम इंसान माता के गर्भ में जाते है तो क्या हमारी माता का भी तेज बढ़ जाता है।

नही!तो इस बात से भी सिद्ध होता है कि कृष्ण ही भगवान है।
तो दोस्तो आपको मेरा ये लेख कैसा लगा कॉमेंट करे और अगर आपका कोई सवाल हो तो भी कॉमेंट में लिख सकते है अगर आपको ये लेख अच्छा लगा तो शेयर भी करे धन्यवाद।

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