Short love story hindi me किराए का मकान

हेलो दोस्तो आपका स्वागत है dhaliyabhai.com पर और आज मैं आपके लिए लेकर आया हु short love story hindi me तोचलिये शुरू करते है।

Short love story hindi me किराए का मकान

स्नेहा अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करने के बाद शहर आयी थी।
उसके घर के हालात बहुत अच्छे नही थे

लेकिन उसके पिता का सपना था कि स्नेहा पढ़लिख कर कोई अच्छी सी नोकरी करे।इसलिए उसके पिता ने इधर उधर से पैसों का इंतजाम करके उसको शहर भेज दिया।

लेकिन उसको शहर में कोई भी कमरा किराए पर नही मिला इसलिए वो अपनी शहर की एक दोस्त पूनम के घर चली गयी।

पूनम वैसे तो अपनी एक दोस्त के साथ शेयरिंग रूम में रहती थी।लेकिन उसकी दोस्त कुछ दिनों के लिए अपने घर गयी हुई थी।

इसलिए पूनम ने कुछ दिनों के लिए स्नेहा को अपने पास रहने के लिए कह दिया और उसके लिए एक कमरा ढूंढने लगी।

लेकिन उसको कोई कमर नही मिला लेकिन एक बार एक दोस्त ने पूनम को बताया कि एक चाल में एक मकान है लेकिन वो किसी अकेले आदमी या लड़की को वो मकान नही देगा उस मकान मालिक की पहली शर्त ये है किवो एक शादीशुदा जोड़े को ही मकान किराए पर देगा।

क्योकि उसने पहले किसी लड़की को पहले मकान किराए पर दिया था लेकिन उसके गगर में रोज एक नया लड़का उसको मिलने आया करता था।

उसके इस तरह के चाल चलन की वजह से उस मकान मालिक ने उससे मकान खाली करवा लिया।तब से उसने ये सोच लिया कि वो किसी शादी शुदा को ही अपना मकान देगा।

पर स्नेहा तो सिंगल है पूनम ने कहा।तब पूनम के दोस्त ने उसको बताया कि इसका भी एक इलाज है मेरे एक दोस्त को भी मकान चाहिए।

अगर ये दोनों शेअर करना चाहे तो कर सकते है।लेकिन उसको ये बताना होगा कि वो दोनो शादीशुदा है।ये सुनकर स्नेहा ने उसको कहा कि मैं किसी दूसरे आदमी के साथ एक कमरे में कैसे रह सकती हूं।

तब पूनम ने कहा देखलो क्योकि एक दो दिन में तुमको मेंरा कमरा खाली करना पड़ेगा क्योकि मेरी दोस्त वापिस आने वाली है।

हो सके तो वही रूम ले लो क्योकि इमरजेंसी में जो मिल रहा है उसी से कम चला लो।तब स्नेहा ने कहा की मैं ऐसे ही किसी भी लड़के के साथ थोड़े ही रह सकती हूं।

story in hindi best love स्नेहा और सिद्धार्थ की पुरानी पहचान

पूनम बोली कि वो मेरे दोस्त का दोस्त है वो अच्छा लड़का ही होगा क्योंकि मेंरा वो दोस्त किसी भी गलत इंसान से दोस्ती नही करता।चलो ठीक है कल उससे मिलकर आ जाते है।

उससे उस लड़के कब बारे में कुछ और जानकारी मिल जाएगी।फिर अगले दिन पूनम ने अपने उस दोस्त को कहाकि तुम उस लड़के को लेकर आ जाओ हम वहीं हमारे अड्डे पर बात करेंगे।

फिर वो चारो एक चाय की टपरी पर मिलते है जब स्नेहा उस लड़के को देखती है तो वो कहती है सिद्धार्थ तुम मुझे तुम्हारे साथ रहना होगा वो भी एक कमरे में इस जन्म में तो ये नही होगा ।

ये बोलकर वो वहां से चली जाती है।पूनम स्नेहा के पीछे पीछे चलती है और उसको आवाज लगते हुए रोकती है और पूछती है क्या तुम उसको जानते हो।

स्नेहा ने कहा कि हम दोनों एक ही कॉलेज में थे और उसने मेरे साथ बहुत ही बुरा किया उसने मेरी लम्बी चोटी काट दी वो मुझे बहुत ही प्यारी थी।तब से मेरे बाल ऐसे ही है।तब से मैं इससे नफरत करती हूं।

स्नेहा की बाते सुनकर पूनम जोर जोर से हंसने लगी और कहा कि बस इतनी सी बात थी।जैसे तुम वहां से उठ कर आई थी मुझे तो लगा था कि उसने तुम्हारे साथ कुछ बहुत बुरा किया होगा तभी तुम उससे नफरत करती हो।

फिर पूनम को स्नेहा समझाबुझाकर वहीं वापिस आ जाती है सिद्धार्थ उसको कहता है कि स्नेहा वो सब मैने नही किया था मेरे दोस्तों ने किया था ।

जब तुम अगले दिन से कॉलेज नही आई उसके बाद से मुझे बहुत बुरा लगा तब से मैं तुमसे माफी मांगना चाहता था लेकिन मुझको कभी तुम दोबारा मिली ही नही प्लीज मुझे माफ़ कर दो।

उसकी बातें सुनकर स्नेहा ने उसको माफ कर दिया और वे चारो मकान मालिक से मिलने के लिए गए।स्नेहा ने एक नकली मंगलसूत्र अपने गले में डाल लिया ताकि उस मकानमालिक को यकीन हो जाये कि वो शादी शुदा है।

वो मकानमालिक उनको वो मकान देने के लिए राजी हो जाता है।इसके बाद वो उस मकान में रहने के लिए आ जाते है।

short love story in hindi स्नेहा और सिद्धार्थ के झगड़े

दोनो अपने अपने सामान को सेट करते है और जॉब की तलाश में चले जाते है।सिद्धार्थ को एक tv शोरूम में जॉब मिल जाती है लेकिन स्नेहा को जॉब नही मिलती।

अब गगर वापिस आने पर सिद्धार्थ को स्नेहा बोलती हैंकि तुम बाहर जाओ और दुकान से मेरे लिए कुछ खाने का सामान ले आओ।ये बोलकर वो एक लिस्ट सिद्धार्थ के हाथों में पकड़ा देती है।

सिद्धार्थ कहता है मैं तुम्हारा समान क्यो लाऊं तब स्नेहा ने कहा किन्तुम शायद ये भूल गए हो कि यहां पर हम दोनों पति पत्नी का नाटक कर रहे है ।

अगर हम अपना सामान अलग अलग लाएंगे तो मकान मालिक को शक हो जाएगा इसलिये मैने तुमको कहा है वरना मुझे कोई शौक नही है कि मैं तुमको कुछ काम बोलूं समझे के नही समझे।

सिद्धार्थ समान लेने बाहर चला जाता है और अपना सामान भी साथ मे ल आता है।इसके बाद दोनों अपना अपना खाना बनाने बैठते ।

है स्नेहा कहती है कि पहले मैं अपना खाना बनाउंगी।तुम बाद में बनाते रहना।स्नेहा ने आलू के परांठे बनाये।उनकी खुशबू से सिद्धार्थ का मन भी उसे खाने का कर रहा था क्योंकि उसने कई दिनों से ढंग का खाना नही खाया था।

लेकिन स्नेह ने अपने लिए ही बनाये थे अब स्नेहा ने कहा अब तुम अपना खाना बना लो तो उसने कहा हां हाँ मैं भी बनाता हूँ मैं भी आज आलू के परांठे ही खाऊंगा।

लेकिन जब उसने परांठो में आलू भरे और उसे बेलने लगा तो वो बेलन के चिपक रहे थे कैसे भी करके उसने परांठो को बेल ही लिया लेकिन वो परांठे कम और भारत के अलग अलग राज्यो के नक्शे ज्यादा लग रहे थे।


साथ मे जब उसने तवे पर उन परांठो को डाला तो पूरे घर मे धुंआ ही धुंआ कर दिया। सभी परांठे जल कर काले हो चुके थे।

ये सब देखकर स्नेहा ने कहा हां आज तुम भी आलू के परांठे खाओगे और जोर जोर से हंसने लगी।
सिद्धार्थ ने मन मे सोचा आज तो खाने को मिले काले कोयले जैसे परांठे और बेज्जती हुई वो अलग।


उसने फिर अपने काले कोयले जैसे परांठे खाने शुरू किए और कहा वाह भले ही दिखने में कितने भी बुरे हो लेकिन खाने में बहुत ही स्वादिष्ट है।

दोनो ने खाना खाया और अब उन दोनों में सोने के लिए युद्ध हो गया वहां पर एक ही बैड था और दोनो को ही बैड पर सोना था।

बस क्या था स्नेहा ने मोर्चा पहले मार लिया और बैड पर सो गई।लेकिन सिद्धार्थ ने कहा आज तो तुम ऊपर सो जाओ कल रात को मैं बैड पर सोऊंगा।उसके बाद सिद्धार्थ नीचे सो गया।

बैड पर सोकर भी स्नेहा चैन की नींद नही सो पा रही थी।सिद्धार्थ के घररर घररर करती खराटो की आवाज उसको सोने ही नही दे रही थी।

उसने सिद्धार्थ को उठाया और कहा ये अपनी खराटो की आवाज का कुछ करो वरना मैं करूंगी।तब सिद्धार्थ ने कहा कि ये सब तो नॉर्मल बात है कि इंसान सोएगा तो खराटे तो आएंगे ही।

स्नेहा ने कहा मैं कुछ नही जानती बस मुझे ये खराटे नही चाहिए।सिद्धार्थ बोला अगर नही चाहिए तो बाहर सो जाओ ये खराटे तो ऐसे ही आएंगे।स्नेहा बाहर तो नही जा सकती थी ।

इसलिए उसने जमीन पर जोर से पैर मारा और बैड पर सो गई।उसको पता था कि ये जानबूझकर बाहर सोने को कह रहा है।

hindi best love story स्नेहा और सिद्धार्थ की दोस्ती

चलो सोना तो पड़ेगा ही ये सोचकर वो सो गई अगले दिन सुबह दोनो की बाथरूम के लिए झगड़ा करने लगे।

दोनो को ही जल्दी जाना था सिद्धार्थ को तो काम पर जाना था और स्नेहा को अपना इंटरव्यू देने आज उसको एक कम्पनी में जॉब के लिए इंटरव्यू देने जाना था इसलिए वो पहले जाना चाहती थी।

लेकिन बाथरूम एक होने की वजह से फिर दोनों में झगड़ा हो गया।सिद्धार्थ अपने काम के पहले ही दिन लेट नही होना चाहता था इसलिए वो जल्दी से बाथरूम में घुस गया और कुंडी लगा ली।इस सब से स्नेहा बहुत ही नाराज हो गयी ।सिद्धार्थ ने कहा कि आज उसका जॉब का पहला दिन है

इसलिए आज मैं लेट नही होना चाहता लेकिन तुम चिंता मत करो मैं 5 मिनट में बाहर आता हूं।फिर वो जल्दी से फ्रेश होकर नहा कर बाहर निकला स्नेहा बस उसको गुस्से से देखे जा रही थी।

स्नेहा भी जल्द ही बाहर आ गयी और अपने जॉब इंटरव्यू देने के लिए निकलने लगी सिद्धार्थ ने कहा कि तुम्हारा ऑफिस रास्ते मे ही है तो चलो साथ मे चलते है।

साथ मे जाने से किराया भी आधा हो जाएगा।स्नेहा मान जाती है और दोनो एक ही ऑटो से चले जाते है जब शाम को सिद्धार्थ वापिस आता है तो स्नेहा घर पर ही मिलती है।

सिद्धार्थ पूछता है कि क्या तुमको जॉब मिली तब उस पर स्नेहा ने कहा कि नही उन्होंने किसी की सिफारिश मांगी और वो मेरे पास थी नही तो इसलिए मुझे जॉब पर नही रखा।

सिद्धार्थ ने कहा कि कोई ऐसा कैसे कर सकता है उसने आगे कहा कि मेरे एक कलीग जोकि मुझसे सीनियर है उसने कहा था कि हमारे ऑफिस में एक पोस्ट खाली है तुम कहो तो मैं उससे बात करता हूँ।

तब स्नेहा ने कहा देखलो ट्राय करके स्नेहा ने कहा खाना खा लो सिद्धार्थ बोलता है पर मुझे तो अभी खाना बनाना है स्नेहा धीमे सी आवाज में बोली मैंने बना दिया है।

मुझे पता है कल से तुमने अच्छे से नही खाया इसलिए मैंने बना दिया तुम कहा लो बाद में मैं भी खा लूंगी।

hindi new best love story स्नेहा और सिद्धार्थ की शादी

तब सिद्धार्थ अपनेपन को दिखाते हुए बोला चलो साथ मे खाते है ना स्नेहा ने भी अपने पन का जवाब अपनेपन से दिया और दोनो खाना खाने लग जाते है अब उनके बीच की दूरियां धीरे धीरे कम होने लगी थी।

अगले दिन दोनो सुबह जल्दी उठे और सिथार्थ ने इस बार बाथरूम के लिए झगड़ा नही किया और उसने अपने ऑफिस में स्नेहा के लिए भी बात कर ली उनको रिक्वायरमेंट थी तो उन्हों ने उसको जॉब पर रख लिया।

अब रोज दोनो साथ मे ही ऑफिस जाते और धीरे धीरे उनकी दुश्मनी दोस्ती में और बाद में दोस्ती प्यार में बदल गयी स्नेहा जिस इंसान से इतनी नफरत करती थी कि उसकी शक्ल भी देखना नही चाहती थी।

आज वो उसको देखे बिना नही रह पाती थी।सिद्धार्थ भी उससे उतना ही प्यार करने लगा।स्नेहा हर महीने गांव में अपने पिता को पैसे भिजवा दिया करती थी और रोज अपने पिता से जो भी उसके साथ हुआ था।

वो शेयर किया करती थी।लेकिन उसके पिता ने उससे कभी गुस्से से बात नही की क्योकि उनको अपनी बेटी पर पूरा भरोसा था। यहां तक कि उसने अपने प्यार की बात भी अपने पिता से नही छिपाई।

कुछ समय बाद स्नेहा के पिता ने सिद्धार्थ के माता पिता से बात करके उनकी शादी तय कर दी।कुछ समय बाद दोनों सच मे शादी करके उसी किराए के मकान में रहने के लिए वापिस आ गए।

दोस्तो आपको ये hindi top best love story किराए का मकान कैसी लगी कॉमेंट करे अगर अच्छी लगे तो शेयर भी करे।

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