हेलो दोस्तो आपका स्वागत है dhaliyabhai पर और आज मैं आपके लिए लेकर आया हु Romantic love story in hindi मिट्टी की गुड़िया दोस्तो ये एक काल्पनिक कहानी है जिसका किसी भी व्यक्ति या घटना से कोई सम्बंध नही अगर किसी घटना या व्यक्ति से इसकी समानता होती है तो इसे मात्र एक सयोंग कहा जायेगा।तो चलिए शुरू करते है आज की कहानी।

मिट्टी की गुड़िया Romantic love story in hindi
वीर नाम का एक लड़का जो खड़गकेसरी नाम के एक गांव में रहता था
वो अपने नाम की तरह ही वीर था वीरता तो उसके रगो में बसी हुई थी
वो ऐसा समय था जब उसका गांव अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा था।
वहां पर कुछ बाहरी लोग उस गांव पर कब्जा करना चाहते थे।लेकिन वीर के पिता शेरसिंह के कारण वो इस गांव पर कब्जा नही कर पा रहे थे
इसलिए उन्होंने प्लानिंग करके शेरसिंह को जहर देकर मरवा दिया।और उस गांव पर कब्जा करने के उद्देश्य से आगे बढ़ने लगे पर उनको क्या पता था
कि आगे जो उनका इंतजार कर रहा है वो शेरसिंह का पुत्र वीरसिंह है वो बहादुरी में अपने पिता को भी पीछे छोड़ गया और इस तरह लड़ा की फिर कई सालों के लिए वो लोग उस गांव पर कब्जा करने वापिस नही आये
वीरसिंह ने उस आदमी को भी पकड़ कर मार दिया था जिसने उसके पिता को जहर दिया था। एकबार वीरसिंह पास ही के गांव घूमने के लिए गया था तब उस प्रदेश की राजकुमारी भी वहाँ उस गांव से गुजरने वाली थी।
वीरसिंह अपने कुछ साथियों के साथ वहां गया था।वीरसिंह के साथियों ने वीरसिंह को बताया कि वहां की राजकुमारी आज इसी गांव से गुजरने वाली है।
वीरसिंह के मन मे उस राजकुमारी को देखने की इच्छा हुई
तो वो उसी रास्ते पर गया जहां से राजकुमारी वहां आने वाली थी। लेकिन वहां पर कोई नही था सब अपने अपने घरों में चले गए थे। वहां पर बस कुछ सैनिक जो राजकुमारी के रक्षा के लिए आये थे वही खड़े थे।
उन्होंने मुझे देखकर वहाँ से जाने को कहा लेकिन मैंने पूछा क्यों जाऊ तब वो बोले कि यहाँ से राजकुमारी गुजरने वाली है । उनके रास्ते मे किसी को रुकने की इजाज़त नही है। मैं फिर भी वहाँ खड़ा रहा मुझे न जाता देख
उन लोगो ने मुझपर हमला कर दिया मैं कहाँ कम था मैंने भी उनको धूल चटा दी और उनको उस रास्ते मे ही ढेर कर दिया जिस रास्ते से वो आने वाली थी ।कुछ ही देर में राजकुमारी का काफिला भी वहां पहुंच गया और उनको वहां पर रुकना पड़ा
क्योकि उनके सैनिकों से ही मैने वो रास्ता रोक दिया था।। राजकुमारी एक पालकी में पर्दे के पीछे बैठी थी।मैने उन सभी सैनिकों को भी बेहोश किया और राजकुमारी के पास जाने लगा राजकुमारी भी बहुत बहादुर थी
उन्होंने अपनी तलवार निकाली और मुझसे लड़ने के लिए अपनी पालकी से उतरी उनको देखकर मैं मोहित हो गया उसकी खूबसूरती के आगे तो स्वर्ग की अप्सरा भी कुछ न थी। मैंने निश्चय कर लिया कि विवाह करूँगा तो इन्ही से करूँगा।
मैं अपने ख्यालो में खोया हुआ था कि राजकुमारी ने मुझ पर एक वार किया उनकी तलवार के वार से मेरे बाएं हाथ पर एक घाव हो गया उसके बाद हम दोनों में युद्ध शुरू हो गया।राजकुमारी भी लड़ने की कला जानती थी लेकिन मुझे हराना उनके बस में न था।
मैंने उनको आसानी से ही हरा दिया और उनको कहा कि मैं यहां आपसे लड़ने नही आया था बस आपको देखने आया था पर आपके सैनिकों ने मुझे लड़ने पर मजबूर किया इस कारण मैंने ये लड़ाई की।
मैने आपके बारे में जितना सुना था आप उससे भी करोड़ो गुना खूबसूरत हो ।मैं आपकी खूबसूरती से मोहित हो गया हूँ ।मै आपसे विवाह करना चाहता हूं शायद मुझे आपसे प्रेम हो गया है।मैं चाहूं तो अभी आपको ले जाकर आपसे शादी कर सकता हूँ ।
लेकिन मेरा प्रेम ऐसा करने से मुझे रोक देता है।फिर मैंने अपनी झोली में से एक मिट्टी की गुड़िया निकाली और राजकुमारी को देते हुए कहा कि अगर आपको मेरा प्रेम स्वीकार हो तो इसको सम्भाल कर अपने पास रखना नही तो फेंक देना ।
मैं कल आपसे मिलने आपके महल में आऊंगा अगर आपने मुझे वो मिट्टी की गुड़िया वापिस दी तो मैं समझूंगा की आपने मेरा प्रेम प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है।
फिर मैं वहाँ से चला आया और अगले दिन महल में प्रवेश की योजना बनाने में लग गया।
अगले दिन शाम को मैं राजकुमारी के कक्ष में प्रवेश कर गया राजकुमारी उस मिट्टी की गुड़िया को हाथ मे लिए कुछ बातें कर रही थी। राजकुमारी को गुड़िया से बातें करते देख मैं बोला राजकुमारी आप उस गुड़िया से क्या बात कर रही है।
मुझे वहां देखकर राजकुमारी थोड़ी डर सी गयी और बोली कि तुम यहाँ कैसे आये मैंने जवाब में कहा खिड़की से ।राजकुमारी ने मुझे वो गुड़िया वापिस दी और कहा कि रखो अपनी गुड़िया अपने पास मुझे नही चाहिए
तब मैंने कहा राजकुमारी क्या आप भी मुझसे प्रेम करने लगी है क्योंकि मैंने कहा था कि अगर कल आपने मुझे ये वापिस दिया तो मैं ये समझूंगा की अपने मेरा प्रेम प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है।
तब राजकुमारी ने मुझसे वो गुड़िया वापिस ले ली।
तब मैंने कहा कि क्या अब आप ये गुड़िया मेरे प्रेम की निशानी के तौर पर रख रहीं है।अगर नही तो आप ये मिट्टी की गुड़िया तोड़ दे मैं यहाँ से चला जाऊंगा। तब राजकुमारी ने कहा कि मैं स्वीकार करती हूं कि मैं तुमको पसन्द करती हूं।
क्योंकि आजतक मैंने तुम्हारे जितना वीर नही देखा। जब तुमने मेरी पूरी सेना को हराकर मुझे हराया और मुझको ले जाने की बजाय मुझको छोड़ दिया तब मुझे ये पता चल गया कि तुम वीर के साथ अच्छे इंसान भी हो।
राजकुमारी ने कहा कि लेकिन मेरे पिताजी बिल्कुल राजी नही होंगे कि किसी साधारण व्यक्ति से उनकी बेटी का विवाह हो।
तब मैंने कहा कि बस इतनी सी बात मैं अगली बार तुमको जब मिलूंगा तब मैं एक राजा की तरह ही मिलूंगा।
उसके बाद मैं वहां से चला गया और धीरे धीरे करके मैने आसपास के गांवों को मिलाकर अपना एक अलग राज्य बनाया और धीरे धीरे छोटे छोटे राजाओं पर आक्रमण कर उनको अपने राज्य में मिला लिया।
और एक विशाल राज्य का गठन किया जिसका नाम मैंने अपने पिता के नाम पर शेरसिंह पुर रखा।
उसके बाद मैंने अपने विवाह का प्रस्ताव राजकुमारी के पिता को भेज दिया।उनका राज्य मेरे राज्य के मुकाबले छोटा सा ही था
तो उन्होंने उस विवाह प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। मेरा और राजकुमारी का विवाह हुआ वो अपने साथ उस मिट्टी की गुड़िया को भी अपने साथ लाई जो हमारे प्रेम की निशानी थी।
दोस्तो आपको ये कहानी मिट्टी की गुड़िया रोमांटिक लव स्टोरी इन हिंदी कैसी लगी कॉमेंट करे अगर अच्छी लगी तो शेयर भी करे धन्यवाद।