New short story for kids fairy tale story in hindi जलपरी

हेलो दोस्तो आपका स्वागत है dhaliyabhai.com पर और आज मैं बच्चों के लिए कहानी new short story for kids fairy tale story in hindi जलपरी लेकर आया हु।

New short story for kids fairy tale story in hindi जलपरी

एक बार की बात है समुद्र में समुद्र के राजा समुद्र देव अपनी पत्नी के साथ सुख से अपना और अपनी समुद्री प्रजा का जीवन यापन कर रहे थे।
उनकी खुशी तब बढ़ गयी जब उनके एक सुंदर बेटी ने जन्म लिया।
उसका नाम मेलिसा रखा गया वो एक जलपरी थी और उसके दिल मे दूसरो के लिए करुणा और दया का भाव था।
एक बार एक दुष्ट डायन समुद्र की एक जलपरी जिसका नाम शिथिला था।
उसको परेशान कर रही थी और उसको श्राप देने वाली थी।
लेकिन मेलिसा ने उसको आकर रोक दिया और कहा कि तुम इसको क्यों परेशान कर रही हो।
उस डायन ने कहा कि इसने मुझसे धरती पर जाने के लिए पैर मांगे थे।
जिसके बदले में इसने मुझे अपनी आवाज देने का वादा किया था।
जिसके लिए इसको ये लिक्विड पीना होगा।
लेकिन जब मैने इसको पैर दे दिए तो ये वापिस ही नही आई।
इसलिए मुझे अपनी जादुई शक्ति से इसको वापिस समुद्र में खींच लिया।
मेलिसा ने कहा कि शिथिला तुमने धरती पर जाने के लिए पैर क्यों मांगे थे।
शिथिला ने बताया की कुछ साल पहले समुद्र में एक राजकुमार का जहाज आया था।
उसको देखते ही मुझे उससे प्रेम हो गया लेकिन वो धरती पर रहने वाला एक राजकुमार और मैं समुद्र में रहने वाली एक जलपरी थी तो हमारा मिलन कैसे हो सकता था।
इसलिए मैंने इस डायन से मदद मांगी लेकिन इसने एक ऐसी शर्त रखी कि मुझको इस डायन को अपनी आवाज देनी होगी।
लेकिन अगर मैने इसको अपनी आवाज दे दी तो राजकुमार मुझसे हमेशा के लिए दूर हो जाएगा।
इसलिए मैं इसको बोल रही हूं कि ये मुझसे मेरी आवाज न ले।
तब मेलिसा ने उस डायन से रिकवेस्ट की कि वो शिथिला को छोड़ दे लेकिन उस डायन ने मना कर दिया।
इस पर मेलिसा ने उस डायन को कहा कि मैं समुद्र देव की पुत्री होने के नाते तुमको ये आदेश देती हूं कि तुम इसको छोड़ दो।
डायन मेलिसा के आदेश को नही ठुकरा सकती थी क्योंकि समुद्री नियम यही था कि उस समुद्र में रहने वाले सभी जीवों को राजपरिवार के किसी भी सदस्य की आज्ञा का पालन करना अनिवार्य था नही तो उसको दण्ड का अधिकारी समझा जाएगा।
डायन उसकी बात तो मान गयी लेकिन उसने मेलिसा को ये श्राप दे दिया कि वो भी इंसान बन जाएगी और कभी फिर से जलपरी नही बन पाएगी।
उसका श्राप तब टूटेगा जब वो अपने गले के इस हीरे को किसी को दे जिससे वो प्यार करती हो।
उस डायन के श्राप के कारण मेलिसा एक जलपरी से इंसान बन गयी और समुद्र के किनारे पहुंचकर बेहोश हो गई।
उसके बाद समुद्र के किनारे एक मछुआरा जो कि मछली पकड़ने के लिए आया।
उसको मेलिसा बेहोश दिखी वो उसको अपने घर ले गया और अपनी पत्नी को बताया कि ये मुझे समुंदर के किनारे बेहोश मिली थी।
वहां पर मुझे कुछ समझ नही आया कि मैं क्या करूँ इसलिए मैं इसको अपने घर ले आया ।
उसकी पत्नी ने कहा कि ये इतनी सुंदर है ये तो कही की राजकुमारी दिखती है।
उस मछुआरे ने हां में अपनी गर्दन हिलाई और कहा मुझे भी ऐसा ही लगता है।
उन दोनों पति पत्नी के कोई संतान नही थी इसलिए उन्होंने अपनी बेटी की तरह उसकी देखभाल की और कुछ दिनों बाद वो एकदम ठीक हो गयी।
लेकिन उसको पहले का कुछ भी याद नही था तब उस मछुआरे ने मेलिसा से कहा कि जब तक तुमको सब याद न आये तब तक तुम हमारे पास रह सकती हो।
मेलिसा ने हां कर दी उन दोनों ने मेलिसा को नया नाम दिया।
वो उसको खुशी नाम से बुलाने लगे जलपरी को भी खुशी नाम बहुत ही अच्छा लगा।
अब वो उनके साथ ही रहने लगी लेकिन जब वो मछुआरे मछलियों को पकड़ कर लाते तो वो उदास हो जाती और पूरा दिन रोती रहती।
ये बात उसको भी समझ नही आ रही थी बस वो रोती रहती थी।
इसके बाद एक बार वो समुद्र में घूमने के लिए उस मछुआरे के साथ गयी सभी मछलियां उसकी तरफ आने लगी।
उसको ये सब बहुत अच्छा लग रहा था फिर इसके बाद वो रोज समुद्र में सैर करने के लिए जाने लगी।
एक बार वो समुद्र में सैर कर रही थी तो वहां पर एक राजकुमार भी अपने जहाज पर अपने राज्य में वापिस आ रहा था।
वो राजकुमार खुशी को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाता है और उसको खुशी से पहली नजर का प्यार हो जाता है।
वो अपने महल में जाकर अपने पिता को खुशी के बारे में बताता है।
राजा अपने सैनिकों को आदेश देते है कि वो लड़की जहां भी हो उसका पता लगाओ और मुझे आकर बताओ।
सैनिक उसका पता लगा लेते है और राजा से कहते है कि वो एक मछुआरे के घर पर रहती है उसका नाम खुशी है।
उस मछुआरे ने हमे बताया कि वो अपनी पिछली यादाश्त भूल चुकी है।
उसको पहले का कुछ भी याद नही है राजा ने ये सारी बात राजकुमार को बताई।
राजकुमार ने कहा कि जो भी हो मुझे उसी से ही शादी करनी है।
राजा उस मछुआरे उसकी पत्नी और खुशी को बुलाता है और कहता है कि राजकुमार खुशी से शादी करना चाहते है ।
मछुआरा कहता है कि ये तो हमारे लिए बहुत ही सौभाग्य की बात है लेकिन ये हमारे हाथ मे नही क्योकि ये हमारी बेटी नही है और इसकी यादाश्त भी गयी हुई है।
इसलिए जो भी इसका फैसला हो।
खुशी ने कहा कि अगर आपकी आज्ञा हो तो मैं पहले राजकुमार के साथ बात करना चाहूंगी।
राजा ने राजकुमार और खुशी को बात करने के लिए बगीचे में छोड़ दिया।
खुशी ने राजकुमार से बातचीत शुरू की दोनो ने पूरा दिन एक साथ बिताया।
उसके बाद खुशी और राजकुमार रोज उस बगीचे में मिलते और ढेर सारी बातें करते ।
खुशी भी अब राजकुमार से प्यार करने लगी और उसने भी अपने प्यार का इजहार राजकुमार से कर दिया और खुशी ने निशानी के तौर पर उस राजकुमार को अपने गले का एक हीरा दिया जो उस डायन के श्राप के बाद उसके गले डायन ने अपनी मन्त्रीक शक्ति से डाला था।
उसके बाद अगले दिन से खुशी का कुछ पता नही था वो अचानक से गायब हो गयी क्योकि उसके गले से हीरा निकालते ही वो उसका श्राप टूट गया था और वो फिर से जलपरी बन गयी और समुद्र में चली गयी।
जो उसके साथ धरती पर हुआ था वो सब कुछ भूल चुकी थी।
इधर राजकुमार उसकी याद में पागल होने लगा राजा से ये देखा नही गया और उसने एक सिद्ध मन्त्रीक को बुलाया और उससे पूछा कि खुशी कहाँ है।
उस मन्त्रीक ने अपनी मन्त्रो की शक्ति से अपने जादुई गोले में सब कुछ देख लिए की कैसे जलपरी को श्राप मिला और वो इंसान बनी और कैसे उसका श्राप टूटा।
उसने राजकुमार को सब कुछ बता दिया राजकुमार ने उसको वापिस लाने के लिए उस मन्त्रीक से उपाय पूछा। उस मन्त्रीक ने कहा कि मैं तुमको एक दवा दूंगा।
उसको पीने के बाद तुम दो दिनों तक जल पुरुष बन जाओगे और समुद्र में सांस ले सकोगे।
जब तुम जलपरी से मिलोगे तो उसको ये हीरा दिखा देना उसको तुम्हारे साथ बिताया हर लम्हा याद आ जायेगा।
फिर तुम उसको ये हीरा गले मे पहना देना तुम दोनों वापिस राजमहल में आ जाओगे।
राजकुमार ने वो दवा पी और सीधा समुद्र देव के महल में जाने लगा।
लेकिन सैनिको ने उसको अंदर नही जाने दिया उसने कहा कि मैं राजकुमारी के बीते कुछ दिनों के बारे में राजकुमारी को कुछ बताना चाहता हूं।
तब सैनिको ने समुद्र देव और राजकुमारी मेलिसा को ये बताया तो राजकुमारी मेलिसा और समुद्र देव उसके पास आये।
राजकुमार ने उनको सारी बात बताई लेकिन समुद्र देव को इस बात पर विश्वास नही हुआ उसने राजकुमार को जेल में डलवा दिया।
राजकुमारी मेलिसा दयालु थी वो राजकुमार से मिलने के लिए कारागार में गयी।
उसने राजकुमार को कहा कि तुम सच बताओ तो उसने वही बातें फिर से कही।
राजकुमारी को उस पर विश्वास नही हो रहा था तब राजकुमार ने वो हीरा निकाला और राजकुमारी मेलिसा को देते हुए कहा कि इसको देखिए आपको सब कुछ याद आ जायेगा।
मेलिसा ने जब वो हीरा देखा तो उसको सब याद आ गया।
राजकुमार ने कहा कि मैं बस आपके लिए ही यहां पर आया हूँ।
मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ क्या तुम मेरे साथ चलोगी।
तब राजकुमारी ने कहा कि मैं आपके साथ जाना तो चाहती हूं लेकिन मैं एक जलपरी हु तो मैं धरती पर कैसे रह सकती हूं।
राजकुमार ने कहा कि ये तुम मुझ पर छोड़ दो उसने मेलिसा के हाथों से वो हीरा लिया और मेलिसा के गले मे पहना दिया
उसके बाद दोनों धरती पर राजमहल में पहुंच जाते है।
मेलिसा फिर से इंसान के रूप में आ जाती है और दोनों अपना आगे का जीवन सुख से बिताते हैं।
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