हेलो दोस्तो आपका स्वागत है dhaliyabhai.com पर और आज मैं आपके लिए लेकर आया New short stories in hindi online reading 2022
New short stories in hindi online reading 2022
इस कहानी की शुरुआत होती है एक17 साल के एक लड़के से जिसका नाम अक्षर होता है उसको प्यार से सभी अक्षु कह के बुलाते थे।
अक्षर के पिता भारतीय सेना में रहकर देश की सेवा करते है सभी उनको मेजर राम के नाम से जानते है।
अक्षर की माँ एक हाउस वाइफ थी।
आज अक्षर का जन्म दिन था उसके पिता ने उसके लिए एक पार्टी रखी थी।
पार्टी में बहुत बड़े बड़े लोग आए और अक्षर को बधाई और गिफ्ट देकर पार्टी को एन्जॉय किया।
सभी बहुत ही खुश थे उस पार्टी में वंदना भी आई थी जो कि मेजर राम के दोस्त प्रभु स्वामी की बेटी थी।
सभी उसको प्यार वन्दू कहते थे वन्दू बहुत ही प्यारी बच्ची थी।
अक्षर और वंदना दोनो एक ही स्कूल और क्लास में थे।
इसलिए दोनों बहुत अच्छे दोस्त भी थे।
तभी कुछ ऐसा हुआ कि जिसकी किसी ने कल्पना भी नही की थी।
सभी पार्टी एन्जॉय कर रहे थे और अक्षर वंदना को बोला चलो वन्दू बाहर खेलते है तब वंदना उसके साथ खेलने बाहर चली गयी।
तभी उनके घर मे एक धमाका हुआ और सब खत्म से हो गया।
सभी लोग जो पार्टी में आये थे वो सभी इस धमाके से जख्मी हो गए कुछ की तो मौत हो गयी।
अक्षर और वंदना रोते हुए अपने मम्मी पापा को ढूंढ रहे थे।
लेकिन कोई भी पहचान में नही आ रहा था।
अक्षर के नोकर ने पुलिस को बताया कि वो अक्षर और वंदना के साथ बाहर था मुझे साहब ने इनका ध्यान रखने के लिए उनके साथ भेज था।
फिर उन सब की शिनाख्त हुई और अक्षर और वंदना के माता पिता की मृत्यु हो चुकी थी।
इसके बाद कुछ दिनों तक दोनो बच्चे बहुत दुखी रहे लेकिन उनके नौकर ने उनको हौसला दिया और कहा कि तुम्हारे रिश्तेदार आये हुए है तुम डिसाइड कर लेना कि तुमको किसके साथ जाना है।
तब अक्षर और वंदना के सभी रिश्तेदार जो आये थे उनमें से उन दोनों को कोई नही ले गया।
फिर रात को दोनो सोए थे और अक्षर की नींद खुल गयी उसने खिड़की से देखा तो बाहर कुछ लोग हतियार लिए खड़े थे।
अक्षर ने वंदना और अपने नोकर को उठाया और उनको बताया कि बाहर कुछ लोग खड़े है और अंदर आने की कोशिश कर रहे है।
तब उस ने अक्षर और वंदना दोनो को पीछे के रास्ते बाहर निकाला लेकिन तब तक वो अंदर आ चुके थे।
उन्होंने उसको बाहर जाते देख लिया। वो जल्दी से पीछे के दरवाजे की तरफ भागे आये।
किसी को पता नही थी कि वो लोग को है बस इतना पता था कि उनकी जान खतरे में है।
वो तीनो जंगल की तरफ भागने लगे फिर वो लोग भी उन तीनों के पीछे आ रहे थे।
अक्षर बाबा आप वंदना को ले के भागिए मैं उनको रोकता हूं रघु काका ने कहा।
नही रघु काका आप भी हमारे साथ चलिए मैं आपको यंहा रुकने नही दूंगा।
तब रघु काका बोले नही आप बेबी को लेकर जाइये।
लेकिन अक्षर नही माना इसलिए रघु काका भी उसके साथ भागते रहे।
जंगल मे कुछ अंदर जाने के बाद उनको एक बहुत बड़ा पेड़ दिखा जो नीचे तने से खोखला था।
रघु काका ने उन दोनों को उस तने में बैठा दिया और उनको कहा कि मैं उनको चकमा देकर आता हूँ तब तक यहां से बाहर मत निकलना।
उसके बाद रघु काका वहां से चले गए जब वो उन लोगो को चकमा देकर वापिस आये तो वो दोनो वहां से गायब थे।
आखिर कहाँ गए वो दोनो इसके आगे की कहानी अगली पोस्ट में