हेलो दोस्तों आपका स्वागत है dhaliyabhai पर और आज मैं आपके लिए लेकर आया हूँ love on island story in hindi -Pyar ki kahani तो चलिए शुरू करते है।
love on island story in hindi-Pyar ki kahani
विक्रम और निशा एक बार समुद्र में घूमने के लिए एक boat में गए।उनके साथ उनके दो दोस्त कुमार और ध्वनि भी थे।
वो boat निशा के पिता की थी निशा ने विक्रम को घूमने के लिए कहा था और कहा था कि तुम साथ मे अपने किसी दोस्त को भी ला सकते हो। मैं भी अपनी एक सहेली ध्वनि को साथ ले रही हूं।
विक्रम ने निशा से कहा कि वो अपने दोस्त कुमार को साथ ले आएगा।
फिर वो चारो चल पड़े समुद्र में सैर करने लेकिन उनको क्या पता था कि आगे उनका कितनी बड़ी मुसीबत इंतजार कर रही है।
जब वो बहुत दूर निकल गए तब समुद्र ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया
कुछ ही देर में शांत सागर बहुत ही अशांत हो गया।
हवाएं बहुत तेज हो गयी उनकी boat डगमगाने लगी।
ध्वनि ने कहा यार तू हमको घूमने के लिए लायी है या मारने के लिए।
निशा ने कहा अब तो मुझको भी डर लग रहा है।
चारो बहुत डर गए थे उनको लग रहा था कि ये उनका आखरी दिन है।
अब boat इतनी ज्यादा हिलने लगी कि ध्वनि और कुमार boat के बाहर समुद्र में गिर गए।
उनके गिरने के कुछ देर बाद ही समुद्र फिर से शांत हो गया ।
समुद्र की लहरें उन दोनों को बहा कर एक आइलैंड पर ले आये।
वो एक बिल्कुल ही अलग तरह का आइलैंड था।
वहां पर पेड़ पौधे बहुत ही छोटे थे।
कुछ समय बाद जब ध्वनि को होश आया तो उसने देखा कि वो तो किसी अनजान आइलैंड पर आ गए है।
उसने देखा कि कुमार भी वहीं पर बेहोश है तो उसने कुमार को भी उठाया।
कुमार भी ये सब देखकर हैरान था।
अब ध्वनि जोर जोर से रोने लगी कि अब क्या हम कभी भी अपने घर नही जा सकेंगे।
क्या कोई हमें लेने के लिए आएगा या हमको पूरी जिंदगी यहीं पर रहना होगा।
तब कुमार ने उसको होंसला देते हुए कहा कि डरो मत हमारे दोस्त किसी को मदद के यूपी में लाते ही होंगे बस हमें कुछ समय ही यहाँ पर रहना होगा।
वो कोई न कोई मदद जरूर लाएंगे ध्वनि ने कहा पक्का न वो लोग हमें ढूंढने जरूर आएंगे न।
कुमार ने कहा कि हां जरूर वो हमारे दोस्त है वो हमको जरूर ढूंढ ही लेंगे।
अब ध्वनि को थोड़ा अच्छा लगा तो वो चुप हो गयी।
अब दोनों को भूख लगने लगी थी। पर उनके पास खाने को कुछ भी नही था।
उन्होंने अपने पीछे देखा तो वहां पर बहुत सारे पेड़ थे। उनकी हाइट भी कम थी तो फल भी नीचे ही थे।
कुमार ने वहां जाकर एक नारियल के पेड़ से कुछ नारियल तोड़े और ध्वनि के पास ले आया ।
नारियलका आकार बहुत छोटा था तो ध्वनि ने कहा कि मैंने इतने छोटे नारियल आज तक नही देखे।
तब कुमार ने बहुत ही मेहनत से पत्थर की मदद से उस नारियल को तोड़ा और उसका पानी और मलाई ध्वनि को दी।
बहुत भूख लगी थी तो ध्वनि ने तुंरत ही उनको ग्रहण कर लिया।
लेकिन उस नारियल से भी ध्वनि की भूख नही मिटी तो कुमार ने कहा कि भूख मिटाने के लिए हमको मछलियों को पकड़ना होगा।
तब ध्वनि ने कहा कि मैं एक वैष्णव हु मैं मास मटन मछली कुछ नही खाती।
नही खाती वो ठीक है लेकिन जिंदा रहना है तो तुमको ये सब खाना ही पड़ेगा।
नही तो यहाँ पर जिना मुश्किल हो जाएगा।
जिउ चाहे मरूं मैं ये सब नही खाऊँगी मतलब नही खाऊँगी।
तब कुमार ने कहा कि वो तुम्हारी मर्जी लेकिन मैं तो खाऊंगा।
अब वो गया मछलियां पकड़ने लेकिन उसके हाथ एक भी मछली नही आ रही थी।
उसकव देख ध्वनि जोर जोर से हंस रही थी और कह रही थी खालो खालो मछली पकड़ी तो जा नही रही और ये चले उसको खाने।
बहुत देर की मशक्कत के बाद उसके हाथ एक मछली लग ही गयी।
अब वो उसको पकाएगा कैसे तब उसने पास से कुछ लकड़ीया ली।
कुमार को लकड़ियां इकट्ठा करते हुए देखकर ध्वनि बोली हां कर लो लकड़ी को इकठ्ठा जलाओगे कैसे पत्थरों को घिस कर।
तब कुमार ने अपने पॉकेट से एक लाइटर निकाला।
वो हमेशा अपने जेब मे एक लाइटर रखता था क्योकि वो सिगरेट पीने का आदि था।
लेकिन अभी तक उसने सिगरेट नही पी अब वो आग जलाकर उसपर उस मछली को पकाया और खाने लगा।
उसने फिर एक बार ध्वनि को पूछा कि क्या वो खाएगी।
लेकिन ध्वनि ने कहा कि वो मर सकती है लेकिन वो ये नही खाएगी।
तब अपने खाने के बाद वो बोला चलो तुम ये नही खाती तो कोई बात नही पास में देखते है कोई फल का पेड़ मिल जाये तो कुछ फल खा लेना ।
फिर दोनों जंगल की तरफ चल दिये और चलते चलते पत्थर से पेड़ो पर मार्क करते हुए गये ताकि वो रास्ता न भूल जाये।
किस्मत से उनको पास में ही एक पेड़ मिल गया और उस पर बहुत बड़े आकार के सेब लगे थे।
कुमार ने दो सेब तोडे और एक ध्वनि को खाने को दिया और एक खुद खा लिया।
वो सब बहुत ही स्वादिष्ट था उसके बाद अब रात होने वाली थी अब रहने के लिए कुछ शेल्टर भी चाहिए था।
कुमार ने ध्वनि को कहा कि हमको यहां रहने के लिए कोई आसरा बनाना पड़ेगा तो तुम मेरी थोड़ी मदद करना।
ध्वनि ने कहा ठीक है अब कुमार ने अपने गले का लॉकेट निकाला वो केवल एक लॉकेट ही नही बल्कि एक चाकू भी था।
कुमार ने उस चाकू की मदद से बांस के कुछ बम्बू काटे और उनसे एक बेस तैयार किया फिर बहुत सारे पत्तो को छत पर लगा कर एक टेम्परेरी घर बनाया ।
फिर नीचे भी बहुत सारे पत्ते बिछा कर सोने के लिए बिस्तर भी तैयार कर लिया।
रात को दोनों सो गए और अगली सुबह फिर वैसे ही दिन बिताया अब वो अपने घर को और भी अच्छा बनाने में लग गए।
इसी तरह 5 दिन बीत गए उनको ढूंढने अभी तक कोई नही आया।
लेकिन अब उनको वहां पर एकदूसरे के साथ वक्त बिताने में मजा आने लगा वो दिनभर मस्ती करते और एकदूसरे के बारे में बताते।
अब उनको धीरे धीरे आकर्षण होने लगा कुमार और ध्वनि दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे।
एक दिन कुमार ने एक नारियल हाथों में लेकर ध्वनि को प्रपोज कर दिया।
ध्वनि ने उसका प्रपोज़ल एक्सेप्ट कर लिया।
आज उनको इस आइलैंड पर 20 दिन हो चुके थे ध्वनि ने देखा कि एक boat वहां से गुजर रही है।
उसने कुमार को बताया दोनों जोर जोर से चिल्लाने लगे।
उस बोट में विक्रम और निशा थे। वो दोनों अपने घरवालों से मिलने के लिए तड़प रहे थे।
फिर सभी अपने अपने घर चले गए।
कुमार ने नॉनवेज खाना छोड़ दिया क्योकि ध्वनि को नॉनवेज पसन्द नही था।
कुमार ध्वनि के घर शादी का प्रस्ताव लेकर आया कुछ दिनों बाद दोनों की शादी हो गयी।
लेकिन वो उस आइलैंड को बहुत मिस कर रहे थे।
दोस्तो आपको ये कहानी love on island story in hindi-Pyar ki kahani कैसी लगी कॉमेंट करे
अगर आपको ये कहानी love on island story in hindi–Pyar ki kahani अच्छी लगे तो शेयर भी करें धन्यवाद।