Jaadui chakki ki kahani fairy tales story for kids in hindi

हेलो दोस्तो आपका स्वागत है dhaliyabhai.com पर और आज मैं बच्चों के लिए एक कहानी (fairy tales story for kids in hindi) jaadui chakki ki kahani लेकर आया हु।

Jaadui chakki ki kahani fairy tales story for kids in hindi

एक बार की बात है रमेश और सुरेश दो दोस्त थे।
दोनो बहुत ही घनिष्ठ मित्र थे वो दोनों एक दूसरे का साथ हर मुसीबत में दिया करते थे।
लोग उनकी दोस्ती की मिसाल दिया करते थे।
लेकिन रमेश का भाई उन दोनों की मित्रता से बहुत जलता था।
वैसे वो गलत संगत में फसा हुआ था इस कारण उसको शराब और जुए की भी लत लग गयी थी।
वो कैसे भी करके उनकी मित्रता तोड़ना चाहता था क्योंकि रमेश अपने भाई से ज्यादा अपने मित्र की बात को ज्यादा महत्व दिया करता था।

सुरेश और रमेश की मित्रता तोड़ने का षड्यंत्र jaadui chakki ki kahani – वो कभी नही चाहता था कि उसका भाई किसी दूसरे को उससे ज्यादा महत्व दे इसलिए उसने एक उपाय सोच जिससे वो रमेश और सुरेश की मित्रता को तोड़ सके।
उसने एक चोर से कहकर सुरेश का लॉकेट चुराया
उसने अपने भाई के अनाज में रात में आग लगा दी और रमेश को कहा कि हमारे खेतो के अनाज में किसी ने आग लगा दी ।
रमेश ने पूछा किसने लगाई तब रमेश का भाई है कि आप मेरीबातों पर विश्वास तो करोगे नही।
इसलिए मैं उसका नाम नही बताऊंगा जिसने आग लगाई है।
तब रमेश ने कहा कि तुम बताओ तो सही तब रमेश के भाई ने कहा कि मैने सुरेश को हमारे खेतो में जाते देखा था और उसके हाथों में एक मशाल भी थी।
हो सकता है उसी ने आग लगाई हो ये सुनकर रमेश ने उसको एक तमाचा लगाया।
रमेश ने कहा कि सुरेश के बारे में मैं कुछ नही सुन सकता वो ऐसा कर ही नही सकता।
तब रमेश के भाई ने कहा कि मैंने तो पहले ही कहा था कि आप मेरी बातों पर यकीन नही करेंगे इसलिए मैं आपको ये बात नही बताने वाला था।
मैंने तो सुरेश के बारे में और भी बहुत कुछ सुन रखा है जो कि मेरे दोस्तों ने मुझे बताया है लेकिन आपको मेरी बातों पर विश्वास नही होगा इसलिए मैने आपको नही बताया पर अब आपका इतना बड़ा नुकसन हुआ है इसलिए अब मैं चुप नही रहूंगा भले ही आप मुझे और मर ले लेकिन ये बातें आपको सुननी ही होगी।
मेरे दोस्त प्रेम ने मुझे बताया कि एक बार वो शराब की दुकान पर बैठा था कि तभी उसने सुरेश को देखा।
सुरेश वहाँ पर शराब पीने लगा तो प्रेम ने पूछा कि सुरेश तुम तो शराब नही पीते थे अब कैसे पीने लग गए तो सुरेश ने शराब के नशे में कहा कि वो तो मैं रमेश की नजरों में अच्छा बने रहना चाहता हु इसलिए मैंने शराब छोड़ रखी है।
वैसे तो मैं बहुत शराब पीता हु तब प्रेम ने पूछा कि तुम उसकी नजरो में अच्छा क्यों बनना चाहते हो तो वो कहता है कि रमेश बहुत पैसे वाला है और मैं उसकी जायदाद को पाना चाहता हूं।
ये सुनकर भी रमेश को यकीन नही हो रहा था की सुरेश ऐसा कर सकता है तो रमेश का भाई रमेश को अपने खेतों में ले गया।
क्योकि रमेश के भाई को पता था कि रमेश का विश्वास सुरेश पर बहुत गहरा है।
ये विश्वास इतनी जल्दी टूटने वाला नही था।
इसलिए वो रमेश को खेतों की तरफ ले जाता है।वहां पर दो आदमी होते है जिनको रमेश ने पैसे देकर आग को बुझाने के लिए बोला था।
रमेश जब खेतों की तरफ जाता है तो वहाँ पर वो दोनों आदमी जिनको रमेश के भाई ने पैसे दिए थे।वो आग को बुझाने के लिए उस पर पानी डाल रहे थे।
उनको देखकर रमेश और रमेश का भाई भी पानी डालकर बुझाने लग जाते है लेकिन वो आग इतनी भयानक थी कि उसका सारा अनाज जल कर राख हो जाता है।
तब वो दोनों आदमी बोलते है कि रमेश भाई जब हम दोनों यहाँ आये थे तो सुरेश ने इस अनाज में मशाल फेंक कर आग लगा दी।जब उसने हमें देखा यो वो यहां से भागने लगा लेकिन हमने उसका रास्ता रोक लिया लेकिन वो यहाँ से भाग गया लेकिन उसका ये लॉकेट हमारे हाथ लग गया।
इसके बाद वो सुरेश का लॉकेट दिखाते है और कहते है कि जब हम उसको रोक रहे थे तो उसका ये लॉकेट हमारे हाथ मे आ गया।
अब तोवो रमेश को पूरी तरह से अपने झांसे में ले लेते है और रमेश को भी अब यकीन हो जाता है कि सुरेश ने ही ये सब किया है।
रमेश के भाई का ये षड्यन्त्र कामयाब हो जाता है।

रमेश का सुरेश को गांव से निकालना jaadui chakki fairy tales in hindi kahani – अब रमेश सुरेश के घर जाता है जहां पर वो और उसकी मां होती है।
वो सुरेश को कहता है कि अगर तुमको पैसे या मेरी जायदाद चाहिए थी तो तुम मुझको कह कर तो देखते अरे तुम मुझसे मेरी जान भी मांगते तो मैं हँसते हुए तुमको अपनी जान दे देता लेकिन पीठ पीछे इतना बड़ा धोखा देने के कारण अब मैं तुमसे नफरत करता हूँ।
अब तुम कभी मेरे सामने भी मत आना।
सुरेश को कुछ भी समझ नही आ रहा था कि रमेश ऐसा क्यों कहा रहा है।
वो रमेश को कहता है कि ऐसा क्या हो गया कि तुम मुझे ऐसा कह रहे हो।
तब रमेश के भाई ने सोचा कि कहीं ज्यादा बातचीत कर के ये फिर से रमेश को कनवेंस न कर ले कि उसने कुछ नही किया इसलिये वो सुरेश को कहता है कि वो अब मेरे भाई से दूर रहे और कभी भी उसके पास न आये और वो सुरेश को बहुत बुरा भला कहने लगे जाता है और दोनों की बहस बढ़ जाती है और सुरेश रमेश के भाई पर हाथ उठा देता है।
अब रमेश सुरेश को कहता है कि अब तुम इस गांव में भी नही रह सकते।
वो सुरेश की माँ को कहता है कि माँ मैं आपको इसकी म नही मेरी माँ समझता हूं ।
इसलिए मैं आपको बोल रहा हूँ कि आप इसको यहां से ले जाइए।
वो घर जिसमे ये दोनों रह रहे थे वो घर रमेश ने ही सुरेश को दिया था।
दरअसल उनकी दोस्ती की तब शुरुआत होती है जब रमेश काम के सिलसिले में शहर जा रहा था और वो जंगल के रास्ते मे जा रहा था।
उस गांव से शहर के बीच मे एक पुल पर करना पड़ता है।
वो पुल बहुत ही पुराना होता है।
जब वो इस पुल से जा रहा था तो उस पुल का कुछ हिस्सा टूट गया और रमेश उससे नीचे गिरने वाला था कि उसने पुल की रस्सी को पकड़ लिया।
भाग्य से तभी सुरेश भी वहां से होकर निकला उसने रमेश को लटका हुआ देखा और तुरन्त जाकर रमेश को ऊपर खींच लिया।
रमेश ने उससे कहा कि आपका बहुत बहुत धन्यवाद जो आपने मेरी मदद की।
उसके बाद सुरेश ने पूछा कि क्या आप रमेश जी को जानते है जो की यहीं पास के ही गांव मे रहते है।
तब रमेश पूछता है कि उनसे क्या काम है तब सुरेश कहता है कि मुझे काम की तलाश है इसलिए मैं उनके पास जा रहा हु किसी ने मुझे बताया कि उनको काम के लिए आदमी की जरूरत है।
तब रमेश बोला कि मैं ही रमेश हु और तुम कल से काम पर आ जाना।
इस तरह से दोनों की मुलाकात होती है बाद में धीरे धीरे दोनो एक दूसरे के घनिष्ठ मित्र बन जाते है।
अब सुरेश वो गांव छोड़कर चला जाता है वो जंगल के रास्ते से जाता है रास्ते मे उसकी माँ की मृत्यु हो जाती है।
अब वो अकेला हो जाता है।
वो अपनी माँ का अंतिम संस्कार करके आगे चलता है।
फिर तेज बारिश शुरू हो जाती है।

सुरेश को जादुई चक्की मिलना fairy tales in hindi – बारिश से बचने के लिए वो जगह ढूंढता है तो उसको एक झोपड़ी दिखती है वो उस झोपड़ी के पास जाता है उसका दरवाजा खुला था।
वो झोपड़ी के अंदर चला जाता है वहां पर एक बुजुर्ग महिला होती है जो कि बहुत बीमार होती है।
सुरेश उस महिला से पूछता है कि क्या मैं आपकी कोई मदद कर सकता हु तो वो कहती है कि क्या तुम मेरे लिए एक काढ़ा बना दोगे तो वो कहता है कि मुझे काढ़ा बनाना नही आता तब वो बूढ़ी औरत कहती है कि वो मैं तुमको बता दूंगी की काढ़ा कैसे बनाना है।
इसके बाद उस बूढ़ी औरत के बताए गए तरीके से वो काढ़ा बना देता है।
उसको पीने के कुछ देर बाद वो ठीक हो जाती हैं।
वो सुरेश को कहती है किसुरेश तुम्हारा रमेश से झगड़ा हो गया है।
तो वो हैरान हो जाता है कि ये रमेश को कैसे जानती है।
वो बोलती है कि इसमें रमेश की भी गलती नही है हालात ही ऐसे हो गए कि उसको जिसके कारण तुम पर जो उसका विश्वास था वो टूट गया।
लेकिन सब्र रखना अंत मे सब ठीक हो जाएगा तुम बस ये बात याद रखना की जब भी रमेश को तुम्हारी जरूरत होगी तब तुम उसकी मदद जरूर करोगे।
इसके बाद वो उसको एक जादुई चक्की देती है और कहती है कि तुम इस जादुई चक्की को तीन बार घुमाकर जो भी इस चक्की से माँगोगे वे तुमको मिल जाएगा।
लेकिन एक बात का ध्यान रखना की तुम ज्यादा लालच मत करना वरना ये चक्की तुमको मुसीबत में डाल सकती है।

आप पढ़ रहे है…. Jaadui chakki की कहानी fairy tales story in hindi


इस जादुई चक्क्की से जो भी मांगना एक उचित मात्रा में ही मांगना।
उसके बाद वो महिला से आशीर्वाद और वो जादुई चक्की लेकर तब वो एक गांव में गया।
वहाँ पर उसने एक मकान किराए पर लिए जिसके पैसे उसने उस Jaadui chakkiसे पहले ही मांग लिए थे क्योंकि उसको पता था कि पैसे के बिना कोई उसको घर नही देगा।
इसके बाद वो अपने घर मे जाता है और रात में उस जादुई चक्की को तीन बार घूमाता है और कहता है कि हे Jaadui chakki मुझे 10 गाय दे दो।
वो चक्की उसको दस गाय दे देती है उसके बाद वो उन गायों का दूध बेचता है और सुख पूर्वक अपना जीवन निर्वाह करने लगता है।
उसको जिस भी चीज की जरूरत होती वो उस जादुई चक्की को चला कर उससे मांग लेता इस प्रकार कुछ साल बीतने के बाद वो एक धनवान आदमी बन गया और अब उसकी शादी भी हो गयी।
कुछ दिनों बाद उसको एक परिवार उसके घर के सामने पड़ा मिला।
जब वो उनको देखता है तो हैरान हो जाता है कि ये तो उसका मित्र रमेश है।
वो सभी को अपने घर के अंदर ले जाता है और वैद्य को बुलाकर उनकी चिकित्सा करवाता है।
जब वो ठीक हो जाते है तो सुरेश रमेश को पूछता है कि ये सब कैसे हो गया।
रमेश सुरेश को देखते ही उसके गले लग कर रोने लगता है और कहता है कि मुझे माफ़ कर दो मैंने तुमको गलत समझा था इसके आगे के रमेश कुछ कहता सुरेश ने कहता है कि मुझे सब मालूम है क्या हुआ था ।
मुझे मालूम है इसमें तुम्हारी कोई गलती नही थी।
उस वक्त हालात ऐसे हो गए थे।
मुझे एक माताजी ने ये सब बताया था वो मेरे और तुम्हारे बारे में सब कुछ जानती थी उन्ही की वजह से आज मैं इतना धनवान हु।
इसके बाद रमेश ने बताया कि उसके भाई ने धोके से सारी जायदाद पर कब्जा कर लिया और हमको घर से निकाल दिया उसी ने बताया था कि तुम निर्दोष थे उसी ने तुमको फसाया था।
अब रमेश सुरेश के पास ही रहने लगा कुछ दिनों बाद रमेश के भाई को ये पता चल गया कि रमेश सुरेश के घर पर ही रहने लगा है और सुरेश अब बहुत धनवान हो गया है।
वो अपने आदमियों को सुरेश पर नजर रखने के लिए भेजता है उसको ये पता चलता है कि उसके पास कोई Jaadui chakki है जिसकी मदद से वो इतना धनवान बना है।
अब वो खुद ये देखने जाता है कि उस जादुई चक्की का इस्तेमाल वो कैसे करता है।
सुरेश रात को उस जादुई चक्की को तीन बार घुमाता है और उससे कुछ मांगता है वो जादुई चक्की उसको वो चीज मिल जाती है।
ये देखकर रमेश के भाई के मन मे लालच जाग जाता है।
इसलिए जब रात को सभी सो जाते है तब वो सुरेश के घर से वो जादुई चक्की चुरा लेता है।
उसका लालच उसको कहता है कि अभी कुछ मांग लेना चाहिये वो अपनी नाव में बैठता है और उसका चालक उस नाव को चलाने लगता है उसका लालच बार बार उससे कह रहा था कि कुछ मांगना चाहिए वो अपने लालच के हाथों मजबूर होकर उस जादुई चक्की को तीन बार घुमाता है और उसको कहता है कि हे जादुई चक्की मुझे बहुत सारा सोना चाहिए।
तब उस चक्की से सोने की ईंट निकलने लगी ये देखकर वो बहुत खुश हो जाता है।
लेकिन कुछ देर बाद उसकी खुशी चिंता में बदल जाती है उस जादुई चक्की में से सोने की ईंट निकलना बंद नही हो रही थी।
उसकी नाव सोने की ईंटो से भर जाती है और देखते ही देखते उसकी नाव डूबने लगती है।
ये देखकर उस नाव का चालक उस नाव से कूद जाता है क्योकि नाव नदी के बीच मे थी।
वो तैरके किनारे चला जाता है लेकिन रमेश के भाई को तैरना नही आता था इसलिए वो डूब जाता है।
उसके मरते ही वो जादुई चक्की रुक जाती है।
उधर रमेश और सुरेश अच्छे से मिलकर रहते है।
Moral of the story :- बुरे काम का फल हमेशा बुरा ही होता है ।जैसा कि रमेश के भाई के साथ हुआ।
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