New Inspirational Story in Hindi to Read online For All Readers 2023 वक्त की बदलती चाल

हेलो दोस्तो आपका स्वागत है dhaliyabhai पर और आज मैं आपके लिए लेकर आया हूँ एक नई कहानी वक्त की बदलती चाल New Inspirational story in hindi to read online for all readers 2023

New Inspirational story in hindi to read online for all readers 2023 वक्त की बदलती चाल

सुरेश एक बहुत अमीर आदमी था उसको ये दौलत अपने पुरखों की बदौलत मिली थी।

उसके पिता और दादा बहुत समझदार थे उन्होंने अपने पुश्तेनी मकान को बेचकर एक बिज़नेस शुरू किया था।

जिसको वो ऊंचाइयों पर ले गए सुरेश उनको शादी के 10 साल बाद हुआ था।

इसलिए वो उन सबका लाडला था उसको उसके कहने से पहले ही वो मिल जाता था जो कि वो चाहता था।

वो उसकी हर इच्छा को पूरी किया करते थे।

धीरे धीरे वो बड़ा होने लगा और एक दिन जब वो कॉलेज में था तब उसको पता चला कि उसके दादा और पापा की डेथ हो गई है।

ये सुनकर उसके पैरों के नीचे से जमीन निकल गयी वो भागता हुआ अपने घर पहुंचा।

उसकी माँ शांति और उसकी छोटी बहन गायत्री बहुत रो रही थी।

उसकी आंखे भी नम हो गयी उसका शरीर ढीला पड़ गया।

सुरेश को कोई होश नही था कि वो क्या करे क्या न करे।

वो बार बार लड़खड़ा रहा था कुछ देर बाद वो अपनी माँ और बहन को गले लगा कर रोने लगा।

फिर अपने पिता की अंतिम क्रिया करके वापिस घर लौट आया अगले दिन उनके बकील सुधांशु जी आये और सुरेश को कहा कि बेटा तुम्हारे पिताजी केगुजरने की खबर जैसे ही मार्किट में फैली वैसे ही तुम्हारे कम्पनी के शेयर की वैल्यू गिरकर एकदम डाउन आ गयी है।

अब जो इन्वेस्टर थे जिन्होंने तुम्हारे कम्पनी में इन्वेस्ट किया था वो लोग अपना पैसा वापिस मांग रहे है।

कुछ बड़ी कम्पनियां भी है जो तुम्हारी कम्पनी को टेकओवर करना चाहती है।

वो उन सभी इन्वेस्टर्स का पैसा भी दे देगी सुरेश बोला हमे क्या मिलेगा तुमको कुछ नही मिलेगा।

तब वो वकील बोला कि तुम पर कर्ज बहुत ज्यादा है ।

इसलिए अगर तुम नही चाहते कि कोई तुम्हारी कम्पनी को टेकओवर करे तो उसके लिए तुमको सब कुछ बेचना पड़ेगा ।

अपना घर अपनी कार यहाँ तक कि तुम्हारी ज्वेलरी भी।

बस तुम्हारे पास तुम्हारी कम्पनी के शेयर ही रह जाएंगे और कुछ नही बचेगा।

उसने कहा ठीक है उसने अपना सब कुछ बेच दिया और सभी का कर्ज चुका दिया।

अब वो तीनो बेघर हो चुके थे किसी ने भी उनका साथ नही दिया।

लेकिन उनके घर के एक नोकर ने कहा कि साहब आप हमारे साथ चलो हम गरीब है तो क्या हुआ हमारा दिल बहुत बड़ा है।

हमारा आपकी तरह बड़ा मकान तो नही है लेकिन आप चाहे तो हमारे घर पर रह सकते है।

सुरेश अपने छोटे से परिवार को लेकर उसके साथ चल दिया।

वो आदमी उनको अपने घर मे ले गया उसके घर मे दो कमरे थे वो भी 10 by 12 फुट के उसमे ही उसका समान पड़ा था।

जितना बड़ा उनका घर था उतना बड़ा तो सुरेश का स्टोर रूम था।

जोगिंदर बोला कि साहब आप सोच रहे होंगे कि ये कैसा आदमी है।

जो ऐसे छोटे से घर मे आपको ले आया कहाँ आपका महल और कहां हमारा ये दो कमरों का घर।

सूरेश ने कहा कि नही मैं ऐसा कुछ भी नही सोच रहा मैं ये सोवह रहा हूँ कि पिताजी ने कितने ही लोगो की मदद की लेकिन आज जब उनके परिवार पर मुसीबत आयी तो उनका साथ देने के लिए कोई आगे नही आया ।

तुम एक केलव ही हो जो मदद के लिए सामने आए हो।

तब जोगिंदर बोला हम आपकी कोई मदद नही कर रहे ।

ये घर तो आपका ही है बड़े साहब की कृपा से मुझे ये घर मिला है।

अब वो नही तो आप इस घर के मालिक हो।

उसकी बातों से सूरेश बहुत प्रभावित हुआ अब उसको किसी भी तरह कोई काम ढूढना था।

उसने कई जगह पर नोकरी के लिए अप्लाई किया लेकिन उसको कही जॉब नही मिल रही थी।

जोगिंदर ने कहा कि जब तक आपको अच्छी जॉब नही मिल जाती तब तक आप कोई दूसरा काम कर लीजिए।

उसने सलाह दी कि आपको ड्राइविंग तो आती है मैं एक टैक्सी ड्राइवर को जानता हूं जो आपको टैक्सी किराए पर दिलवा देगा।

उसके बाद उसने वैसे ही किया।शांति और गायत्री ने उस माहौल में अपने आप को ढालना शुरू कर दिया।

जो लड़की एक बार पहनने के बाद दोबारा उस कपड़े को हाथ नही लगाती थी आज वो दो दिन से एक ही कपड़े में थी।

अब सुरेश ने टेक्सी चलानी शुरू कर दी और आज उसकी पहली कमाई का दिन था।

आज उसने पहले दिन 400 रु कमाए थे ये चार सौ रु 4 लाख से भी बढ़कर लग रहे थे उसको क्योकि ये उसके मेहनत की पहली कमाई थी।

कुछ दिनों में वो वहां के माहौल में ढल गए सुरेश ने गायत्री का स्कूल में एडमिशन करवा दिया।

वो हर रोज सुधांशु अंकल से उसके शेयर के बारे में जानकारी लेता रहता था।

उसने भले ही कम्पनी बेच दी थी लेकिन उसके 21%शेयर अभी भी उसके पास थे।

इसी तरह उसका जीवन चलता रहा वो अब समझ चुके थे कि उनको इसी तरह अपना जीवन बिताना है।

लेकिन वक्त की चाल हर समय घूमती रहती है एक वो वक्त था जब उसको कुछ मांगने से पहले ही उसको सब कुछ मिल जाता था और एक आज का दिन है।

वक्त की चाल एक बार फिर से बदलने वाली थी अबकी बार वक्त उसकव क्या दिखाने वाला था।

आज उसको सुधांशु जी का फोन आया और उन्होंने अर्जेंट में सुरेश को बुलाया।

सुरेश ने सोचा कि उन्होंने इतनी जल्दी में मुझको क्यों बुलाया है क्या सब कुछ सही है या फिर कुछ और गलत हुआ है।

तब वो ये सोचता हुआ उनके घर पहुंचा वहां पहुंचते ही उन्होंने मुझे गले लगाया और कहा कि अब से तुमको काम करने की जरूरत नही है।

तुम्हारे शेयर्स की कीमत पहले से भी ज्यादा हो गयी है।

ये सुनकर सूरेश की भी खुशी का ठिकाना नही था।

सुरेश ने कहा कि वो सभी शेयर बेच दो अब मैं अपनी एक नई कम्पनी शुरू करूँगा।

उसने एक नई कम्पनी शुरू की उसने अपनी बहुत सारी गाड़िया खरीदी और उनको टैक्सी की तरह यूज़ किया।

वो मिडिल क्लास को भी कम पैसों में लग्जरी मजा देना चाहता था।

उन टैक्सी को कोई भी फोन से भी बुक कर सकता था।

कुछ समय में ही उसने सफलता के बहुत सारे मुकाम हासिल कर लिए।

सुरेशने जोगिंदर को भी बहुत सारे गिफ्ट दिए उन गिफ्ट में एक बंगला भी था।

उसके बाद सुरेश ने गायत्री को अच्छे स्कूल में लगाया और सभी की जिंदगी में फिर सब खुशियां छा गयी।

दोस्तो आपको हमारी ये कहानी New Inspirational story in hindi to read online for all readers 2023 वक्त की बदलती चाल कैसी लगी कॉमेंट करे अगर अच्छी लगे तो शेयर भी करे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *