Hindi kahaniyan अनचाहा बच्चा Story of a Couple Who Don’t Wants Baby

हेलो दोस्तो आपका स्वागत है dhaliyabhai पर और आज मैं आपके लिए फिर से हिंदी में कहानियां Hindi kahaniyan अनचाहा बच्चा Story of a Couple Who Don’t Wants Baby तो चलिए शुरू करते है।

अनचाहा बच्चा Story in hindi हिंदी में कहानियां Hindi kahaniyan

सुनीता और राजीव की शादी को 4 साल हो गए है

उनकी लव मैरिज थी जो कि घर वालो ने अरेंज कर दी।

वो अपनी जिंदगी में बहुत खुश थे।

दोनों ही जॉब करते थे वो सुबह साथ मे उठते और सुनीता घर का काम करने में लग जाती राजीव भी उसकी थोड़ी मदद कर देता ।

फिर दोनों तैयार होकर अपने अपने ऑफिस के लिए निकल जाते।

शाम को वो कुछ प्यार भरे पल सकत में बिताते दोनों ने ये डिसाइड किया था कि वो कभी बच्चा प्लान नही करेंगे।

अब पता नही ये क्यों था आजकल के कपल खास कर वर्किंग लेडीज़ ऐसा डिसीजन क्यों लेती है समझ मे नही आता ।

शायद वो अपने आप को फ्री रखना चाहती होंगी।

या फिर कुछ और भी कारण हो सकता है।

तो उनकी जिंदगी ऐसे ही अच्छे से बित रही थी।

लेकिन अब उनकी जिंदगी बदलने वाली थी क्योकि भगवान ने उनकी लाइफ में कुछ और ही लिख रखा था।

एक दिन उनके घर की बेल बजी राजीव ने उठकर दरवाजा खोला।

उनके घर के बाहर एक टोकरी में एक छोटा सा बच्चा था।

राजीव ने देखा कि बाहर कोई नही है बस वो टोकरी ही थी तो उसने जोर से आवाज लगाई लेकिन किसी ने कोई जवाब नही दिया।

अब वो क्या करे उसको समझ नही आ रहा उसने सुनीता को आवाज लगाई सुनीता भी अचंभे में पड़ गयी कि उसके घर के सामने कौन इस बच्चे को रख के गया है ।

लेकिन फिर भी उन दोनों ने बिना देरी किये उस बच्चे को उठाया और सीधा पहुंचे पोलिस स्टेशन में ।

उन्होंने उन पोलिस वालो को सारी बात बताई पुलिस कर्मी ने उनकी रिपोर्ट लिखी और कहा कि आप इस बच्चे को कुछ दिन अपने पास रखिये।

जब इसके माता पिता के बारे में कुछ जानकारी मिलेगी हम आपको बता देंगे।

सुनीता ने कहा कि सर मैं इस बच्चे को अपने पास नही रख सकती मैं जॉब करती हूं और मुझको थोड़ा भी समय नही मिलता।

तब उस पुलिस कर्मी ने कहा कि कुछ दिनों की ही बात है जैसे ही इसके माता पिता का पता चलेगा ।

हम इसको वैसे ही लेने आ जाएंगे।

सुनीता को उसकी बात माननी ही पड़ी ।

फिर वो दोनों घर आ गए राजीव ने सुनीता को कहा कि तुम कुछ समय के लिए ऑफिस से छुट्टी ले लो ।

सुनीता ने कहा ठीक है राजीव अब अगले दिन ऑफिस के लिए तैयार हो गया।

लेकिन सुनीता उस बच्चे को संभालने में लग गयी वैसे रात को उस बच्चे ने उन दोनों की नींद तो खराब कर ही दी।

सुनीता ने अपनी बहन से बात की और उसको सारी बात बताई।

वो अपनी बहन से सब कुछ शेयर करती थी।

उसने सबसे पहले बच्चे न करने की बात अपने बहन को ही बताई थी

उसकी बहन ने सुनीता को समझाने की बजाय उसका साथ देते हुए सुनीता को कहा कि उसकी जो मर्जी हो वो वही करे।

सुनीता की बहन ने उसको सब कुछ बताया जो कि एक बच्चे के लिए जरूरी होता है।

सुनीता उस बच्चे को साथ लेकर पास के मार्किट में गयी और वहां से वो सारे सामान लेकर आ गयी।

कुछ दिन बीते सुनीता और राजीव फिर पूछने के लिए पुलिसस्टेशन गए लेकिन उस बच्चे के परिवार का कुछ भी नही पता चला।

पुलिस कर्मी ने उनको कहा कि जब उसके परिवार के या किसी रिलेटिव के बारे में पता चलेगा वैसे हम आपको कॉल करके बता देंगे।

फिर वो वापिस घर आ गए आज सुनीता को घर पर रहकर उस बच्चे की देखभाल करते हुए ।

अब सुनीता को उस बच्चे से थोड़ा लगाव होने लगा था। थोड़े से दिनों में ही वो उसके बहुत करीब आ गयी थी।

उस बच्चे को वो बाबू कहते थे शाम को जब राजीव वापिस आता तो वोभी बाबू के साथ खेलता था।

राजीव को भी उस बच्चे से थोड़ा लगाव हो गया था उस अनचाहे बच्चे ने सुनीता के मन मे ममता का बीज बो दिया था।

आज 15 दिन बाद राजीव और सुनीता के घर की घण्टी फिर से बजी ।

जब राजीव ने दरवाजा खोला उसकी आँखों के सामने एक लड़की खड़ी थी।

उस लड़की के पीछे कुछ पुलिस कर्मी भी थे। उस लड़की ने बताया कि वो बाबू की माँ है।

उस दिन उसके पीछे कुछ गुंडे पड़े थे इस वजह से उसने अपने बच्चे को तुम्हारे घर के बाहर रख दिया था।

लेकिन मेरे वापिस आने के पहले ही उन लोगो ने मुझे पकड़ लिया और मुझे अपने अड्डे पर ले जाकर बांध दिया।

आज पुलिस ने मुझे और बहुत सी लड़कियों को बचाया तो मैंने सीधा अपने बच्चे के बारे बताया और इनको यहाँ ले आयी।

उसके बाद उसने बाबू को मांगा तो हमारा मन उसको बाबू को नही देना चाहता था ।

लेकिन कानून के आगे हम मजबूर थे और मजबूरी में हमे बाबू को उस लड़की को दे दिया।

उस दिन के बाद के दिनों तक उनको बाबू की याद आ रही थी।

सुनीता ने कहा कि राजीव मुझे भी अपना बाबू चाहिए।

तब राजीव ने कहा कि वो उसका बाबू है उसे हम चाह कर भी नही रख सकते।

सुनीता ने कहा कि मैं अपने बाबू की बात कररही हूं।

राजीव ने कहा पर तुम तो बच्चा नही चाहती थी तो अब क्या हुआ।

सुनीता ने कहा कि अब मुझे मेरा बाबू चाहिए।

1 साल बाद सुनीता और राजीव के भी एक बच्चा हुआ जिसको वो बाबू ही कहते थे।

अब उनकी अधूरी फैमिली पूरी हो गयी।

कैसे एक अनचाहे बच्चे ने उनकी जिंदगी को बदल दिया।

दोस्तो आपको हमारी ये कहानी Hindi kahaniyan अनचाहा बच्चा Story of a Couple Who Don’t Wants Baby कैसी लगी कॉमेंट करे अगर अच्छी लगे तो शेयर भी करे धन्यवाद।

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