हेलो दोस्तो आपका स्वागत है dhaliyabhai पर और आज मैं ओके लिए फिर से एक नई कहानी Fight to love a story of love in hindi-Hindi me pyar ki kahani लेकर आया हूँ तो चलिए शुरू करते है।
Fight to love a story of love in hindi-Hindi me pyar ki kahani
सुधीर एक अय्याश लड़का था जो कि अपने पिता की सम्पत्तिको अपनी अय्याशी में लुटा रहा था।
लेकिन वो अपने पिता से बहुत प्यार करता था एक दिन उसके पिता ने अपने एक दोस्त को सुधीर के बारे में पूछा कि इस लड़के का क्या करूँ ।
ये पूरा दिन अय्याशी में ही डूबा रहता है घर तो ये कभी कभी आता है ज्यादातर तो ये बाहर ही रहता है।
उसके दोस्त ने सुधीर के पिता को राय दी कि सुधीर की शादी कर दो ।
शादी के बाद में वो अपने आप ही सुधर जाएगा।
तुम तो उसको जानते हो वो शादी नही करेगा सुदिर के पिता ने कहा।
अरे तुम उसके पिता हो या फिर वह तुम्हारा क्या तुम इतना सा काम नही कर सकते। अरे पिता हो तो पिता के हक से उससे बात करो।
सुधीर के पिता राजन प्रताप सिंह ने अगले दिन सुधीर को बुलाया और शादी के लिए कहा।
जब वो नही माना तो राजन प्रताप सिंह ने सुधीर को कहा कि अगर मुझे जिंदा देखना चाहते हो तो तुमको शादी करनी ही होगी वो भी मेरे स्वर्गीय दोस्त की बेटी मानसी से।
मानसी का नाम सुनते ही सुधीर जो कि शराब के नशे में था उसका सारा नशा उतर गया।
उसने कहा कि अगर आप किसी जानवर से मेरी शादी करेंगे तो भी मैं कर लूंगा लेकिन मानसी से कभी नही।
तो फिर 1 महीने में अपनी पसंद की कोई लड़की ढूंढो और उससे शादी कर लो।
सुधीर ने अपने दोस्त को ये बात बताई तो उसने राय दी कि वह किसी लड़की को पैसे देकर फेक मैरिज कर ले और उसको कहना कि वो पिताजी को बहुत तंग करे ताकि पिताजी ही तुम्हारा तलाक करा दे।
सुधीरने कहा कि लड़की कहाँ से लाऊं तब उसके दोस्त ने बताया कि एक बार वो लड़की मिली थी हमको ।
सुधीरबोला कौन सी लड़की मिली थी।
अरे वही जिसने तुमको नानी याद दिला दी थी।
अच्छा काव्या नाम की वो लड़की जिसकी स्कूटी में हमने कर ठोक दी थी।
बाद में उसने मुझे उसकी स्कूटी को ठीक कराने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
अरे यार वो लड़की तो मानसी से भी ज्यादा खतरनाक है तू मुझे क्यों मरवाने पे तुला है।
अगर मरना है तो अपने हाथों से मेरा गला घोंट दे।
अरे मैं क्यों तुमको मारूंगा लेकिन वो लड़की ही ठीक रहेगी क्योकि वो एक नम्बर की झगड़ालू है।
झगड़ा करना उसके खून में है तुमने तो उसका वो विकराल रूप देखा ही है।
हां देखा है पर वो हमारी बात क्यो मानेगी।
सुधीरके दोस्त श्याम ने कहा कि मैंने उस दिन उसके बारे में सब कुछ पता कर लिया वो बहुत ही गरीब घर से है।
वो अकेली 6 लोगो को पालती है उसके दो छोटे भाई और दो छोटी बहन उसकी माँ और दादी पूरे 6 लोग है।
उसके पिता की भी मृत्यु हो चुकी है। पिता की मृत्यु के बाद वो ही घर को संभाल रही है।
वो छोटी मोटी जॉब करके अपने परिवार को बड़ी मुश्किल से पाल रही है।
पैसों के लिए शायद वो तुमसे नकली शादी करने के लिए तैयार हो जाये।
तब सुधीर और श्याम उसके पास गए उसने देखते ही इन दोनों को पहचान लिया ।
श्याम ने उस लड़की को सारी बात बताई और कहा कि देख लो इस काम के लिए तुमको 20 लाख रुपये मिलेंगे।
काव्या ने कहा कि तुमने मुझको क्या समझ रखा है।
निकल जाओ यहां से दोबारा मत दिखना नही तो तुमको कच्चा चबा जाऊंगी।
श्याम ने उसको विजिटिंग कार्ड देते हुए कहा कि अगर तुम्हारा मुड बदल जाये तो फोन कर देना।
काव्या ने उस विजिटिंग कार्ड को फाड़ कर कचरे के डब्बे में डाल दिया और उन दोनों को धक्के देकर निकाल दिया।
उनके जाते ही काव्या का छोटा भाई आया और कहा कि माँ की तबियत खराब हो गयी है।
काव्या जल्दी से भागती हुई आयी और माँ को हॉस्पिटल ले गयी ।
डॉक्टरने कहा कि उसकी माँ को हार्ट अटैक आया है ऑपरेशन करना होगा।
उसके लिए 5 लाख रुपये लगेंगे जल्दी करना वरना अगर देर हो गयी तो हम बाद में कुछ नही कर सकेंगे।
तो काव्या ने कहा कि इतने पैसे कहाँ से लाऊं तब उसको सुधीर की याद आयी ।
वो जल्दी से घर गयी और उसका विजिटिंग कार्ड जो कचरे के डब्बे में डाला था वो निकाला और सुधीर को फोन किया सुधीर वहां आया और हॉस्पिटल में 5 लाख रुपये जमा करवा दिए।
काव्या ने सुधीर को कहा कि बताओ मुझे क्या करना है सुधीर ने कहा कि पहले ऑपरेशन हो जाने दो उसके बाद में बात करते है।
ऑपरेशन कामयाब हुआ और काव्या की माँ भी ठीक हो गयी।
फिर सुधीर ने काव्या को पुरी बात बताई और कहा कि तुमको इस तरह से बर्ताव करना है कि वो दो दिनों में ही तुमको घर से निकाल दें।
काव्या और सुधीर अगले दिन घर गए उनको देखकर राजन प्रताप सिंह को बहुत खुशी हुई।
वो यही चाहते थे कि सुधीर की शादी हो जाये और वो सुधर जाए।
काव्या ने उसी दिन से ही राजन को परेशान करना शुरू कर दिया और कहा कि ये बूढ़ा कौन है जो कब से बक बक किये जा रहा है।
तुमको पता है बुढो से मुझको कितनी नफरत है।
राजन ने कहा बेटी एक दिन तो सबको बूढ़ा होना है तो फिर बुढो से नफरत क्यों एक दिन तुम भी तो बूढ़ी हो जाओगी।
तब काव्या उसकी बातों को इग्नोर करके सुधीर का हाथ पकड़ के चली गयी सुधीर उसको अपने कमरे में लेकर गया और कहा कि तुमने तो आते ही पहली बोल में छक्का मार दिया।
इस तरह तो दो दिन में ही वो तुमको निकाल देंगे।
काव्या ने सुबह उठते ही राजन जी को परेशान करना शुरू कर दिया।
राजन जी को अब लगने लगा कि उसने कोई गलती कर दी है शायद सुधीर से शादी को कह कर ।
ये सोचकर राजन जी की तबियत खराब हो गयी ।
काव्या को लगा कि उसकी वजह से उनकी ये हालत हुई है काव्य को बहुत पछतावा हुआ ।
अब वो अपनी गलती सुधारने के लिए लग गयी राजन जी की सेवा में ।
उसकी सेवा और देखभाल से दो तीन दिनों में ही राजन जी ठीक हो गए।
सुधीर भी काव्या के इस तरह करने से बहुत प्रभावित हुआ और वो उसको पसंद करने लगा ।
काव्याअब आदर्श बहु की तरह अपने ससुर की सेवा करने लगी ।
राजन जी को अचंभा हो रहा था कि पहले दिन इसका अलग रूप था और अब अलग है आखिर बात क्या है।
ऐसे ही 1 महीना बिट गया सुधीर बीच बीच मे काव्या के घर पर जाता रहता था।
उनकी सुख सुविधा के लिए भी उसने पूरे इंतेजाम कर रखे थे।
काव्या ये देखकर उससे बहुत इम्प्रेस हुई थी और वो भी उसकव पसन्द करने लगी थी।
जैसे जैसे दिन बीतते गए काव्या और सुधीर की पसन्द प्यार में बदल गयी और एक दिन सुधीर ने काव्या को प्रपोज कर दिया और कहा कि क्या हम इस नकली शादी को हकीकत नही कर सकते तब काव्या ने भी हां कर दी और दोनों ने राजन जी को सारी बात बता दी और रीति रिवाजों से शादी करवाने को कहा।
राजन जी इस बात को पहले ही भांप चुके थे तो उन्होंने कहा ठीक है।
क्योकि उन्होंने ने सुधीर को सुधारने के लिए ही उसकी शादी की जिद्द की थी। और वो अब सुधर गया था
कुव्ह दिनों बाद अच्छा महूर्त द्वखकर दोनों की शादी हो गयी।
फिर दोनों ने पूरी जिंदगी में एक दूसरे को खुशियां दी और एकदूसरे के गमो को बांटा।
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