रक्षाबंधन पर निबंध दोस्तो आज हम आपके लिए रक्षाबंधन पर निबंध और रक्षाबंधन के बारे में पूछे जाने वकले कुछ प्रश्नों के उत्तर देने वाले है। रक्षाबंधन का त्यौहार भारत मे मनाए जाने वाले त्योहारों में एक प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण त्योहार है।
इस त्यौहार का इतिहास बहुत पुरातन है यह त्यौहार भाई बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। आज हम रक्षाबंधन के त्यौहार के बारे में जितना हो सके उतनी जानकारी देने का प्रयास करेंगे।इस लेख में हमने रक्षाबंधन के त्यौहार के बारे में जितना हो सके उतनी जानकारी देने का प्रयास किया है अगर आपको ये लेख पसन्द आये तो कॉमेंट करे और इस लेख को शेयर भी करें
रक्षाबंधन क्या है?
रक्षाबंधन एक भारतीय हिन्दू त्योहार है जिसमे बहने अपने भाइयों की रक्षा के लिए उनके सीधे हाथ की कलाई पर एक रक्षासूत्र बांधती है ।

प्रस्तावना
जैसा कि आप सब जानते है कि रक्षाबंधन एक भारतीय पर्व है जो कि भाई बहनों द्वारा मनाया जाता है इस दिन बहने अपने भाइयों की कलाई पर उनको संकटो से रक्षा के लिए एक रक्षासूत्र बांधती है। वैसे तो ये त्योहार बहुत पुरातन है पर आज भी ये बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। ये त्यौहार अपने अंदर बहुत सी विशेषताएं और कहानियां समेटे बैठा है।
ये त्योहार केवल भारत मे ही नही बल्कि नेपाल और मोरेशियस जैसे देशों में भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।रक्षाबंधन का ये त्यौहार भाई और बहनों के लिए बहुत खास होता है।
जिसके भाई नही होता वो बहने इस त्यौहार पर बहुत दुःखी हो तो कोई ऐसा व्यक्ति उसको अपनई बहन मानकर उससे राखी बंधवाकर उसकी आजीवन रक्षा करने का वचन देता है।
रक्षाबंधन के इस पर्व को हम सदियों से मनाते हुए आ रहे है।
रक्षाबंधन कब मनाया जाता है?
रक्षाबंधन का त्यौहार एक हिन्दू और जैन त्योहार है जो कि श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।क्योकि ये श्रावण मास में आता है तो इसलिए रक्षाबंधन के पर्व को श्रावणी भी कहा जाता है ।इसका एक और नाम भी प्रसिद्ध है कई लोग इस पर्व को राखी का त्यौहार भी कहते है।
रक्षाबंधन की तैयारियां
रक्षाबंधन के पर्व के दिन से पहले ही इसकी तैयारियां शुरू हो जाती है। बहने अपने भाइयों के लिए राखियां खरीदने में लग जाती है।
बाजार में बहुत तरह की राखियों के डिज़ाइन देखने के बाद बहने सबसे अच्छी राखी अपने भाईयों के लिए खरीदती है।
भाई भी अपनी बहनों के लिए बहुत से गिफ्ट्स खरीदते है।
और रक्षाबंधन के पर्व के दिन भाई सुबह नहा धोकर तैयार हो जाते है ।
बहने भी तैयार होकर अपने भाइयों के घर पर जाती है।
फिर वो अपने भाई की हर संकटो से रक्षा की कामना करते हुए उसकी कलाई पर राखी बांधती है।
उनके मस्तक पर कुमकुम से तिलक करके चावल भी लगाती है।
फिर उनके लिए जो मिठाई वो लाई थी वो खिलाती है।
उसकी नजर उतारती है।
फिर भी भी जो गिफ्ट्स उनके लिए लाए थे उनको देते है ।इसप्रकार वो अपने प्रेम का आदान प्रदान करते है।
कुछ भाई तब तक उपवास करते है जब तक बहने उनको राखी नही बांध देती।
भाई बहन का रिश्ता बहुत ही खास होता है ।
वो एक दूसरे से बहुत प्यार करते है।लेकिन कुछ भाई बहन एक दूसरे को हसीं हसीं में बहुत परेशान भी करते है।ये भी बहन का प्यार बहुत ही अनोखा होता है इसमें भी रूठना और मनाना चलता रहता है।
रक्षाबंधन का महत्व
रक्षाबंधन का पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है क्योकि ये एक पौराणिक और पुरातन पर्व है जो आज भी उतने ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है जितना कि पहले मनाया जाता था बस इसका स्वरूप थोड़ा बदल चुका है लेकिन भावनाएं वही है जो पहले थी।
भाई अपने बहनों की हर संकट से रक्षा के लिए इस दिन प्रतिज्ञा लेते है और बहने अपने भाइयों की हर संकट से रक्षा के लिए भगवान से प्रार्थना करती हुए रक्षासूत्र बांधती है।
रक्षाबंधन का पर्व केवल सगे भाई बहनों के लिए ही नही है जो सगे भाई बहन ने हो पर एक दूसरे को सगे से भी बढ़कर समझते हो वो भी अपने उस भाई को राखी बांधती है।
रक्षाबंधन का त्यौहार आपसी प्रेम को बढ़ाने और रिश्तों को मजबूत करने का महत्वपूर्ण त्यौहार है।
राखी और आधुनिक तकनीकी माध्यम
आज का युग आधुनिक तकनीक का युग है जिसका असर हर किसी पर पड़ता है इसका असर रक्षाबंधन के त्यौहार पर भी पड़ा है ।पुराने समय मे जो भाई अपनी बहनों से दूर रहते थे।उनको कई महीनों पहले किसी के हाथों राखी भेजनी पड़ती थी। कई बार तो वो राखी सही समय पर पहुंच जाती परन्तु कभी कभी वो बहुत समय के उपरांत भाई तक पहुंचती थी।
पर आजकल ऐसी बहुत सी ईकॉमर्स वेबसाइट है जो कि आपके द्वारा ऑर्डर की गई राखियां आपके भाइयों के दिये पते पर समय पर ही पहुंचा देती है।
मोबाइल के माध्यम से दूर विदेश में बैठे भाई या बहन से भी बात हो जाती है।
रक्षाबंधन का इतिहास (RakshaBandhan Festival History
वैसे तो रक्षाबंधन का इतिहास बहुत पुरातन है परंतु एक ऐतिहासिक प्रसंग जो कई बार मेरे सामने आया उसके बारे में थोड़ा बताता हूँ।
जब बहादुरशाह ने मेवाड़ पर आक्रमण किया था तो वहां की महारानी कर्मावती ने खुद को उससे युद्ध करने में असमर्थ समझकर मुगल बादशाह हुमायूं को राखी भेजी।
हुमायु भी कर्मावती की उस राखी की लाज बचाने के लिए सेना सहित उसकी रक्षा के लिए आ गया।
एक और ऐतिहासिक प्रसंग सामने आता है जब सिकन्दर और पोरस का युद्ध हुआ तब पोरस ने सिकन्दर को जीवनदान दिया था ।
कहते है कि सिकन्दर की पत्नी ने महाराजा पोरस को राखी बांधकर अपने पति की रक्षा का वचन लिया था।
इसलिए सिकन्दर को जीवित छोड़कर पोरस ने उस राखी की लाज रखी।
रक्षाबंधन का सही मायना रक्षाबंधन का पर्व कौन मनाते है ?
रक्षाबंधन में बांधा जाने वाला रक्षासूत्र जिसे आजकल राखी कहा जाता है उसका मतलब ही होता है ऐसा धागा जो रक्षा करे उसे रक्षासूत्र कहते है।।
कहते है देवासुर संग्राम में जब देवताओं की पराजय होने लगी थी तब देवगुरु वृहस्पति के कहने पर देवराज इंद्र की पत्नी ने उन्हें युद्ध पर जाने से पहले एक रक्षासूत्र बांधा जिसके बाद से देवताओं की पराजय उनकी विजय में बदल गयी। ये त्यौहार ज्यादातर हिंदुओ द्वारा ही मनाया जाता है।
रक्षाबंधन पर्व की कहानी (Raksha Bandhan Festival Story)
पौराणिक कथा के अनुसार जब भगवान श्रीकृष्ण ने शिशुपाल का वध करने के लिए सुदर्शन चक्र को चलाया तब उनकी उंगली पर चोट लग गयी थी तब द्रोपदी ने अपनी साड़ी का एक हिस्सा फाड़कर उनके उंगली पर बांध दिया।
तब श्री कृष्ण ने उनको अपनी बहन मानकर उनकी रक्षा करने का वचन दिया।और जब दुःशासन ने दुर्योधन के कहने पर द्रोपदी जी की साड़ी उतारने का प्रयास किया तब श्रीकृष्ण ने उनकी उस समय रक्षा की और अपनी राखी की लाज रखने के लिए द्रोपदी जी की लाज बचाई।
रक्षाबंधन पर्व पर हिंदी में शायरी (Raksha Bandhan Utsav Par Hindi Shayari)
भाई बहन की खुशियों का ये पर्व है पावन।
सब सुख मिले मेरे भाई को
खुशियों से भरा रहे मेरे भाई तेरा आंगन तेरा आंगन।
हर वक्त तेरे सुख की ही कामना करता रहे मेरा मन।
खुशबू फैली रहे पुष्पों की हमेशा तेरा घर बने मधुवन।
मेरा भाई है दुनिया से न्यारा।
वो माँ के जिगर का टुकड़ा है।
वो है पिता का दुलारा।
मैं शुभकामना करती हूं हमेशा खुश रहे तू।
दुख मिले हमको तेरे सारे के सारे ।
तुझको मिल जाये हर सुख हमारा।
FAQ
रक्षाबंधन का पर्व कौन मनाते है ?
रक्षा बंधन का पर्व भाई और बहन मनाते है।बहने अपने भाइयों के राखी बांधती है और बहन को भाई अपने लाये हुए गिफ्ट्स देते है और दोनों एक दूसरे के लिए मंगल कामनाएं करते है।
राखी 2023 date कब है?
इस साल राखी का त्यौहार 30 अगस्त 2023 को बुधवार के दिन मनाया जाएगा।