दोस्तो आज मैं आपके लिए लेकर आया हूँ Fairy tales kahani for kids in hindi चालाक बन्दर और मगरमच्छ और आपका स्वागत है dhaliyabhai.com पर।
चालाक बन्दर और मगरमच्छ fairy tales kahani for kids in hindi
एक बार की बात है एक नदी के किनारे एक जामुन का पेड़ था उस पेड़ पर एक बंदर और उसकी पत्नी रहती थी।
वो दोनों हसीं खुशी अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे ।
उसी नदी के अंदर एक मगरमच्छ भी था जो बहुत ही शक्तिशाली था।
वो रोज किनारे बैठ कर उन दोनों पति और पत्नी को हार्ट खेलते देखा करता था।
वो सोचता शायद उसकी भी जिंदगी ऐसी ही होती लेकिन उसकी पत्नी उस मगरमच्छ को बहुत ही डांटा करती थी बात बात पर झगड़ा करती थी।
एक दिन बन्दर ने सोचा कि ये मगरमच्छ रोज यहां आकर हमे देखता है।
बन्दर ने मगरमच्छ से पूछा भाई तुम यहाँ आकर रोज क्या देखते हो ।
तब मगरमच्छ बोला कि मैं देखता हूँ कि तुम दोनों इतने खुश कैसे रहते हो तुम्हारे बीच झगड़ा क्यों नही होता तब वो बन्दर कहता है कि हम इस जामुन के पेड़ के जामुन खाते है ये जामुन बहुत ही मीठे है इसे खाने के कारण मेरी पत्नी और मैं कभी नही झगड़ते।
क्या तुम भी ये खाना चाहोगे ? तब उस मगरमच्छ ने कहा हां तब वो बन्दर ने उस मगरमच्छ को कुछ जामुन खिलाये।
उस मगरमच्छ को भी वो जामुन बहुत अच्छे लगे उस मगरमच्छ ने और भी जामुन मांगे तो उस बन्दर ने उसे और भी जामुन खिलाए ।
इसके बाद वो मगरमच्छ रोज वहां पर आने लगा और रोज जामुन खाने लगा और दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए।
एक बार बन्दर ने कहा कि तुम रोज अकेले अकेले ही जामुन खाते हो कभी भाभी जी को भी ये जामुन खिलाओ तो मगरमच्छ ने कहा कि आज मैं उसके लिए भी जामुन ले जाऊंगा।
बन्दर ने उसको बहुत सारे जामुन दिए उसमे से उसने कुछ जामुन खाये और कुछ अपनी पत्नी के लिए ले गया।
मगरमच्छ की पत्नी ने वो जामुन खाये तो उसको वो बहुत पसंद आये उसने बड़े प्यार से मगरमच्छ से कहा कि हे स्वामी आप ये जामुन कहाँ से लाये है।
ये जामुन तो बहुत ही स्वादिष्ट है तब मगरमच्छ ने कहा कि ये मेरे एक बन्दर दोस्त ने दिए है।
वो मुझे रोज ये स्वादिष्ट जामुन खिलाता है और वो और उसकी पत्नी भी वो खाते है और खुशी से रहते है।
तब मगरमच्छ की पत्नी बोली कि वो रोज ये मीठे स्वादिष्ट जामुन खाते है तो उसका कलेजा कितना मीठा होगा।
तुम मुझे उसका कलेजा लाकर दो मैं आज वो ही खाऊँगी
तब वो मगरमच्छ कहता है ठीक है पर मैं उसका कलेजा लाऊंगा कैसे?
तब मगरमच्छ की पत्नी ने कहा कि तुम उसको नदी में सैर कराने के बहाने लेकर आना और बाद में उसको मेरे पास ले आना ।
उस मगरमच्छ ने ऐसा ही किया वो उस बन्दर के पास गया और उसको कहा कि भाई तुम मुझे रोज जामुन खिलाते हो और अपनी दोस्ती निभाते हो आज मुझे भी अपनी दोस्ती निभाने का मौका दो।
तो बन्दर बोला कैसे तब मगरमच्छ ने कहा कि आज मैं तुमको नदी की सैर करूँगा तुम मेरी पीठ पर बैठ जाना।
तब बन्दर ने कहा ठीक है लेकिन बन्दर की पत्नी ने कहा कि ये एक शिकारी है कहीं तुमको ये अपना शिकार न बना ले।
तब बन्दर ने कहा कि ये मेरा दोस्त है और इतना तो मैं इस पर भरोसा कर ही सकता हूँ।
फिर बन्दर कूद कर मगरमच्छ की पीठ पर बैठ जाता है।
मगरमच्छ उसको नदी के बीच मे ले जाता है और वो नदी के अंदर जाने लगता है।
वो बन्दर घबरा कर कहता है मित्र ये तुम क्या कर रहे हो मुझे तैरना नही आता तुम नदी के अंदर क्यो जा रहे हो ।
तब वो मगरमच्छ बोला कि मेरी पत्नी को तुम्हारा कलेजा खाना है इसलिए मैं तुमको उसके पास ले जा रहा हूँ।
ये सुनकर बन्दर कांपने लगता है लेकिन वो बहुत बुद्धिमान भी होता है वो अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करता है और कहता है कि अरे मित्र तुमने ये मुझे पहले क्यों नही बताया।
अगर पहले बता देते तो मैं अपना कलेजा साथ मे ले आता मैने तो अपना कलेजा तुम्हारी भाभी के पास छोड़ रखा है।
अगर तुम बिन कलेजे के मुझे अपनी पत्नी के पास ले गए तो वो बहुत नाराज हो जाएगी।
मगरमच्छ ने कहा तो अब मैं क्या करूँ तो बन्दर ने कहा कि तुम मुझे किनारे पर ले चलो मैं तुम्हारी भाभी से मेरा कलेजा ले लूंगा फिर तुम वो अपनी पत्नी को दे देना।
वो मगरमच्छ उसकी बात मान जाता है।
वो उसको किनारे तक ले जाता है और जैसे ही किनारा आता है वो बन्दर उछलकर पेड़ पर चढ़ जाता है।
वो बोलता है मूर्ख क्या कलेजा भी कोई किसी के पास रख सकता है और तुमने मुझे धोखा देकर अपनी मित्रता और विश्वास को खो दिया है अब मैं तुमपर कभी विश्वास नही करूँगा।
ये सुनकर मगरमच्छ पश्चाताप में वहां से चला जाता है।
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