हेलो दोस्तो आपका स्वागत है dhaliyabhai.com पर और आज मैं आपके लिए लाया हूँ Fairy tales in hindi kahani | all new fairy tales stories in hindi इच्छाधारी नाग तो चलिए शुरू करते है।
Fairy tales in hindi kahani | all new fairy tales stories in hindi इच्छाधारी नाग
एक बार एक राज्य में एक राजा राज करता था वो बहुत ही क्रूर था।
उसका नाम जयराज था उसकी पत्नी बहुत ही अच्छी थी वो उसको समझाती की गलत काम मत करो नही तो बाद में तुम्हे पछताने के अलावा कुछ नही मिलेगा।
लेकिन राजा उसकी बात नही मानता था वो अपनी प्रजा के साथ साथ जंगल के जानवरों का भी बेरहमी से शिकार किया करता था।
एक बार तो उसने जंगल मे जहां पर नागों का बसेरा था उस जगह को तहस नहस कर सभी नागों को जिंदा जला दिया।
लेकिन उसको इस बात का कोई गम नही था।
वो अपने स्वभाव की वजह से मजबूर था क्योंकि दुसरो को तकलीफ में देखकर उसको मजा आता था।
कई साल बीत गए लेकिन वो वैसा ही रहा उसके स्वभाव में कोई परिवर्तन नही हुआ।
एक बार उसके राज्य में उसके मंत्री के घर चोरी हो गयी।
उसने अपने उस मंत्री को बुलाया और पूछा कि क्या और कैसी हुआ।
मंत्री ने बताया कि मैं और मेरी पत्नी सो रही थी तभी मुझे किसी के कदमो की आहट सुनाई दी मैने जाकर देखा तो एक बूढ़ा आदमी हमारे घर के बाहर टहल रहे था।
उसके हाथ मे शराब का एक मटका था जिसमे से वो थोड़ी थोड़ी शराब पी रहा था।
ये देखकर मेरा भी मन कर गया कि मैं भी थोड़ी सी शराब पी लू।
और मैने उस बूढ़े को कहा कि वो मुझको भी थोड़ी सी शराब पिला दे।
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उसने मुझको शराब पिला दी जैसे ही मैंने वो शराब पी मेरा सिर घूम गया और उसके बाद क्या हुआ मुझे पता नही।
जब मुझे होश आया तो मैंने देखा कि मेरी पत्नी के सारे जेवर और मेरा सारा धन उसने लूट लिया है।
उसने एक पत्र छोड़ा है जिसमे एक सर्प का निशान था और लिखा था कि मैं अब किसी को गरीब नही रहने दूंगा।
मंत्री की बातें सुनकर राजा जयराज बहुत क्रोध में आ गया और अपने सैनिकों से कहा कि उस चोर को जल्द से जल्द पकड़ो ।
लेकिन वो चोर रोज किसी मंत्री के घर चोरी करता और चोरी के बाद वो सर्प के निशान वाला पत्र छोड़ के जाता।
राजा अब बहुत परेशान हो गया के ये कौन है जो चोरी करता है।
इसके बाद वो चोर राजा के महल में आता है और राजा के पास आ कर कहता है कि मैं ही वो चोर हु जिसको तुम ढूंढ रहे हो।
ये सुनते ही राजा आग बबूला हो गया और उसको पूछा कि तुम ये सब क्यों कर रहे हो ।
तब वो बोला कि मैं एक इच्छाधारी नाग हूं।
तुम कुछ सालों पहले हमारे जंगल मे आये थे और मेरे पूरे परिवार और हमारी पूरी जाती को जला दिया।
लेकिन मैं उस वक्त वहां पर नही था इसलिए मैं बच गया।
मैने उसी वक्त ये कसम खायी थी कि मैं तुमको बर्बाद कर दूंगा और जिस धन और नाम का तुमको घमंड है उसको लूट लूंगा।
और तुम्हारी प्रजा में बांट दूंगा।
मैंने बहुत तपस्या से बहुत सी शक्तियां प्राप्त की है जिससे मैं तुमको नष्ट कर दूंगा जिस प्रकार तुमने मेरे परिवार को नष्ट किया था।
राजा उसको बोलता है कि तुम बदला तो तब लोगे जब यहां से जिंदा वापिस जा पाओगे उसने सैनिको को बुलाया और उस इच्छाधारी नाग को बंदी बना लिया।
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उसके बाद जयराज ने उस नाग को जेल में बंद करवा दिया लेकिन वो ये भूल गया कि वो एक इच्छाधारी नाग है।
उस इच्छाधारी नाग ने एक साँप का रूप बदल लिया और उस जेल से भाग गया।
जब राजा को ये पता चला तो वो अपने सैनिकों पर बहुत चिल्लाया।
राजा ने एक तरकीब सोची पूरे नगर में उस नाग के नाम एक संदेश भेजा कि अगर उस नाग ने मेरी सोने की छड़ी चुरा ली तो मैं ये सब राज पाठ छोड़कर वन में चला जाऊंगा।
वो इच्छाधारी नाग उसकी चुनोती को स्वीकार कर लेता है और वही पत्र जिसपर सर्प का निशान था राजा को एक तीर के द्वारा भेजता है।
उसमे लिखा होता है कि मुझे तुम्हारी चुनोती स्वीकार है।
सभी प्रजा भी उसी के साथ होती है क्योंकि वो जो भी धन चुराता था वो उसको उन गरीब लोगों में बांट दिया करता था।
राजा को अपने पर पूरा भरोसा था कि इतने सिपाहियों को चकमा देकर वो अंदर भी प्रवेश नही कर सकता।
अब वो इच्छाधारी नाग उसके महल में एक नाग के रूप में प्रवेश करता है ।
और जयराज की पत्नी का रूप धर लेता है क्योंकि उसने तपस्या से किसी का भी रूप धरने की विद्या प्राप्त की थी।
वो जयराज के पास जाता है और उससे कहता है कि वो चोर बहुत शातिर है उसने आपके बहुत से मंत्रियों के घर पर सैनिको के होते हुए चोरी की थी।
तो उसके लिए यहां आना भी मामूली बात होगी।
आप ये छड़ी मुझे दे दीजिए मैं इसको ऐसी जगह छुपा दूंगी जहां से वो उस तक कभी नही पहुंच पायेगा।
राजा उसकी बात मान लेता है और उसको छड़ी दे देता है।
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राजा उस नाग का पूरी रात इंतजार करता रहा पर वो नही आया।
सुबह सूरज उगने के बाद इच्छाधारी नाग जयराज के पास आया और उसको वो छड़ी दिखायी और कहा कि मैंने तुमसे ये छड़ी ले ली है अब तुमको ये राज्य मुझे देना होगा।
राजा उसको कहता है कि मैं अपना वादा पूरा नही करू तो तुम मेरा क्या बिगाड़ लोगे।
इच्छाधारी नाग को ये पहले से ही पता था कि ये राजा अपनी बात से मुकर जाएगा इसलिए उसने सभी गरीब लोगों को अपने बारे में बता दिया था।
और वो सब उसके साथ ही आये थे उन्होंने सभी सेनिको को भी अपनी तरफ मिला लिया था सैनिक भी उस राजा से तंग आ गए थे। फिर उन लोगो ने राजा को भी बन्दी बना लिया।
उसके बाद उस इच्छाधारी नाग को वहां का नया राजा बनाया गया और उसने सभी प्रजा का सही से पालन किया और सुख से अपना जीवन व्यतीत किया।
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