हेलो दोस्तो आपका स्वागत है dhaliyabhai पर और आज मैं आपके लिए फिर से लेकर आया हु एक नई कहानी मेरा भाई नर भेड़िया है new fairy tale story in hindi to read online for teenager 2023
New Fairy Tale Story in Hindi to Read online For Teenager 2023 मेरा भाई नर भेड़िया है।
निक्की की शादी के बाद जब शेखर निक्की से मिलने उसके घर गया तब राहुल ने शेखर से पूछा क्या चल रहा है मैं बहुत तकलीफ में हूँ सोच रहा था किसको बताऊं इसलिए मैं तुम्हारे पास आ गया।
पता नही आज कल मेरे साथ क्या हो रहा है ।
रात को मेरे सिर में अचानक से बहुत दर्द होने लगता है इस लगता है मानो मेरे सिर के टुकड़े हो जाएंगे।
जैसे ही शाम होती है मैं खुद को कमरे में बंद कर लेता हूं।
ये सोचकर कि मेरी वजह से किसी को नुकसान न हो जाये क्योकि सुबह जब मैंजागता हु तो पूरा कमरा तहस नहस हो चुका होता है।
पता नही मैं क्या करता हु मुझे कुछ भी याद नही रहता।
राहुल ने कहा कि ये सब कुछ तुम्हारे साथ कब से हो रहा है तब शेखर बोला कि चार पांच दिन पहले से जबसे मैं जंगल से आया हूँ।
तुम जंगल क्या करने गए थे राहुल ने पूछा।
शेखर बोला कि मैं अपने दोस्तों के साथ कैम्पिंग करने के लिए गया था।
वहां पर हमें एक आदमी मिला वो पता नही कौन था लेकिन उसकी हालत ठीक नही थी।
देखने में लग रहा था कि वो पिछले कई सालों से नहाया ही नही।
मैंने उसका बहुत मजाक उड़ाया उसने हमको पलट कर कुछ नही कहा बस एक स्माइल देते हुए बोला।
अब से तुम अपना ध्यान रखना क्योकि आज से तुम्हारी जिंदगी बदलने वाली है।
उसके बाद से ही हर रात को मेरे साथ ये सब हो रहा है।
राहुल ने कहा कि चलो आज रात तुम हमारे यहाँ रुक जाओ।
हम भी देखते है कि क्या होता है तुम्हारे साथ।
रात को जैसे ही घड़ी में 11 बजे तो शेखर के सर में दर्द होने लगा
उसने राहुल और निक्की को कमरे से बाहर किया और खुद को कमरे में बंद कर लिया ।
निक्की और राहुल उसको खिड़की से देख रहे थे धीरे धीरे शेखर की बॉडी में चेंज होने लगा।
वो धीरे धीरे किसी जानवर की तरह दिखने लगा था।
और कुछ देर बाद वो एक भेड़िया बन गया था।
ये सब देखकर निक्की चिल्ला उठी उसने राहुल को कस के पकड़ लिया और कहा कि मेरा भाई एक भेड़िया है।
फिर वो पूरी रात वहीं पर रहे और सुबह जब शेखर नॉर्मल हो गया तो उन लोगो ने शेखर को पास बिठाया और कहा कि तुम रात को एक भेड़िया बन जाते हो।
ये सुनकर शेखर के होश उड़ गए उसने कहा कि ये कैसे हो सकता है ।
मुझे तो किसी नर भेड़िये ने काटा भी नही तो फिर मैं कैसे भेड़िया बन सकता हूँ।
दरअसल उसने फिल्मों में देखा था कि जब कोई नर भेड़िया किसी इंसान को कट लेता है तो वो भी नर भेड़िया बन जाता है।
राहुल ने कहा कि हर बार फिल्मों में दिखाया सच नही होता और तुम्हारे साथ ये सब क्यों हो रहा है इसका पता तो लगाना ही पड़ेगा।
क्योकि पता नही कल को तुम मुझे ही कहा जाओ तो निक्की का क्या होगा राहुल ने व्यंग किया।
शेखर ने कहा कि मेरी जान पर बन आयी है और तुमको मजाक सूझ रहा है।
राहुल बोला कि मैं तो माहौल को हल्का करने की कोशिश कर रहा था।
उसके बाद में राहुल ने कहा की इस बारे में पहले तुम्हारे पिताजी से बात करनी होगी।
तीनो शेखर के पिता के पास गए और उनको ये बात बताई।
शेखर के पिता ने कहा कि ये तो होना ही था ये तो इसकी नियति थी।
किसी को कुछ समझ नही आया कि पिताजी ऐसा क्यों कहा रहे है।
उनके पिताजी ने बताया कि आज मैं एक राज तुमको बताने जा रहा हूँ।
जिसे सुनने के बाद तुम लोगो के होश उड़ जाएंगे अगर ये मुसीबत नही आती तो मैं कभी ये राज तुमको नही बताता।
दरअसल शेखर मेरा बेटा नही है वो मेरे एक दोस्त जयप्रकाश का बेटा है।
हम लोग एक बार जंगल मे गए थे तो उसको एक शापित भेड़िये ने काट लिया था।
दरअसल वो भेड़िया जयप्रकाश को मार डालता लेकिन उससे पहले मैंने उसकव गोलीमार दी।
वो भेड़िया वही पर मर गया मैने जयप्रकाश की मरहम पट्टी करवाई।
लेकिन कुछ दिनों बाद उसके स्वभाव में बदलाव आने लगा।
वो रात को एक भेड़िया बन जाता था।शुरुआत में तो उसको खुद पर कोई कंट्रोल नही था पर धीरे धीरे उसने खुद पर कंट्रोल करना सिख लिया।
फिर वो एक नॉर्मल इंसान बन गया वो अपनी शक्तियों पर पूरा कंट्रोल पा चुका था।
वो जब चाहे रूप बदल सकता था उसके अंदर इतनी ताकत आ जाती किवो किसी भी ट्रक को अपने हाथों में उठाकर फेंक सकता था। उसकी तेजी का भी कोई मुकाबला नही था।
उस पर किसी भी तरह के वार का कोई असर नही होता अगर चाकू से उसपर वर किया जाता तो चाकू से हुआ जख्म कुछ देर में ही भर जाता।
वो एक सुपर हीरो बन चुका था वो सभी की मदद किया करता जब भी किसी पर कोई मुसीबत दिखती तो वो पहुच जाता उसकी मदद करने के लिए।
जयप्रकाश को एक लड़की से प्यार हो गया था और वो भी उसकव पसन्द करती थी।
हम लोग पहुंच गए उस लड़की केघर जयप्रकाश का रिश्ता लेकर।
उन्होंने भी हां कर दी कुछ समय बाद दोनों के एक बेटा हुआ जिसका नाम उन्होंने शेखर रखा।
शेखर के नामकरण के दिन पता नही कौन लोग थे वो जो जयप्रकाश को पकड़ने के लिए आये थे।
पर जयप्रकाश को पकड़ना उनके बस का नही था तब उन्होंने जयप्रकाश की पत्नी को पकड़ लिया और जयप्रकाश को एक लोहे के बहुत ही मजबूत पिजरे में बंद कर दिया।
पता नही वो किस धातु का बना था जो कि जयप्रकाश अपनी पूरी ताकत से भी उसको तोड़ नही पाया।
वो लोग उसको ले गए और जाते जाते उन्होंने जयप्रकाश की पत्नीको भी मर दिया ।
तुम बच गए क्योकि तुम मेरे पास थे।
उसके बाद मैं तुमको अपने साथ ले आया।
तुम भी उन शक्तियों के मालिक हो जिसके मालिक तुम्हारे पिता थे
तुम भी उन शक्तियों पर कंट्रोल कर सकते हो।
तुम भी उनकी तरह मुसीबत में बसे लोगो की मदद कर सकते हो।
लेकिन तुम किसी के सामने अपना असली चेहरा मत दिखाना ।
कोई न कोई नकाब जरूर पहनना।
क्योकि तुम्हारे पिता की असलियत सब को पता थी शायद इसी लिए वो लोग तुम्हारे पिता को पकड़ कर ले गए।
अब तुमको पता चल गया कि तुमको क्यो ये शक्तियां मिली है।
अब सच्चाई के पता चलने के बाद भी तुम मेरे बेटे ही हो
शेखर ने कहा कि भले ही मुझे पता चल गया कि मेरे पिता कोई और है लेकिन आप ने मुझको जितना प्यार दिया है उसको मैं नही भूल सकता इसलिए आप ही मेरे पिता है।
उसके बाद उसने अपने पिता के कहे अनुसार अपनी शक्तियों पर कंट्रोल करने की कोशिश करना शुरू कर दिया।
कुछ दिनों के अभ्यास से ही वो अपनी शक्तियों पर कंट्रोल पाने में सफल हो गया।
वो अपने पिता से भी ज्यादा तेज और ताकतवर था।
उसने अपने लिए एक सूट बनवाया और उसे पहन कर वो।सबकी मदद किया करता था ।
एक दिन उन्ही लोगो ने उस पर हमला कर दिया जिन लोगो ने उसके पिता को पकड़ा था।
लेकिन वो उसको कहां पकड़ सकते थे।
उसने उन सब को हरा दिया फिर वो लोग वहां से चले गए।
शेखर ने अपने पिताजी को कहा कि आज कुछ लोगो ने मुझ पर हमला किया था।
पता नही वो कौन थे पर वो मुझको किडनैप करने आये थे।
लेकिन मैने भी उनको मजा चखा दिया उसके बताए हुए हुलिए से शेखर के पिता को ये बात पता चल गई थी कि ये वोही लोग थे जो जयप्रकाश को ले गए थे।
और अब ये शेखर के पीछे पड़े है ये कौन लोग है इस बार इस बात का पता लगाना ही होगा।
शेखर ने कहा कि अबकी बार मैं उनका पीछा करूँगा की वो ये सब कहाँ से ऑपरेट करते है।
फिर अगली बार शेखर ने जब उनको हराया उसके बाद उसने उन लोगो का पीछा किया कि वो लोग कहाँ जा रहे है।
वो एक सीक्रेट अड्डे पर पहुंच गए जहां पर उनका एक हेड उनको कह रहा था कि तुम लोग किसी काम के नही हो ।
तुम बस नाम के सोल्जर हो पर असल मे तुम किसी काम के नही हो।
लगता है अब हमें सुपर सोल्जर का इस्तेमाल करना होगा।
फिर उन्होंने एक कमरा खोला जिसमे से एक आदमी निकला वो कोई और नही शेखर का पिता था।
वो पूरी तरह से उनके कंट्रोल में था शायद वो किसी मशीन के जरिये उसको कंट्रोल कर रहे थे।
शेखर उसकव देखते ही पहचान गया कि ये तो मेरे पिता है।
वो ये देखते ही वहां पर कूद पड़ा और सभी कुछ तहस नहस कर दिया।
शेखरके पिता को उस हेड ने शेखर को रोकने का आदेश दिया।
शेखर के पिता ने उस पर आक्रमण कर दिया अब पिता और पुत्र का युद्ध शुरू हो गया।
शेखर अपने पिता के सामने कमजोर पड़ रहा था।
तब उसने कहा कि पिताजी आप मुझ पर हमला क्यो कर रहे है मैं आपका बेटा हु शेखर।
ये सुनते ही कुछ समय के लिए उसके हाथ रुक गए लेकिन उस आदमी ने जो कि वहां का हेड था जयप्रकाश को ऑडर दिया कि वो शेखर को खत्म कर दे ।
जयप्रकाश का खुद पर कोई कंट्रोल नही था उसके गले मे लगी चिप से वोलोग उसको कंट्रोल कर रहे थे।
शेखर को ये बात पता चल गई और उसने उस चिप को खींचने की कोशिश की लेकिन वो चिप जयप्रकाश के दिमाग से जुड़ी थी।
शेखर को पता था कि अगर उसको बाहर निकाल लिया तो शायद उसके पिता ठीक हो जाएंगे।
उसने उस चिप को पूरी ताकत के साथ खींचा और अपने पिता के दिमाग से उस चिप के सारे कनेक्शन काट दिए।
अब जयप्रकाश भी आजाद था अब उन दोनों ने उस जगह को तबाह कर दिया।
उसके बाद वो दोनों घर चले गए जयप्रकाश अब अपने दोस्त से भी मिला ।
उसने अपने दोस्त को अपने बच्चे की परवरिश के लिए धन्यवाद दिया।
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